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स्कॉ्लरशिप से अध्ययन के लिए विदेश भेजने वाला झारखंड बना पहला प्रदेश, ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने की हेमन्त के प्रयासों की तारीफ

रांची। उच्‍च शिक्षा के लिए सरकार की मदद से झारखंड के छह आदिवासी होनहार छात्र यूके जा रहे हैं। झारखंड...
स्कॉ्लरशिप से अध्ययन के लिए विदेश भेजने वाला झारखंड बना पहला प्रदेश, ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ने की हेमन्त के प्रयासों की तारीफ

रांची। उच्‍च शिक्षा के लिए सरकार की मदद से झारखंड के छह आदिवासी होनहार छात्र यूके जा रहे हैं। झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन और कल्‍याण मंत्री चंपई सोरेन ने उनके लिए आयोजित स्‍वागत समारोह में छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता को सम्‍मानित किया। कहा कि झारखंड देश का पहला राज्‍य बना है जो अपने युवाओं को उच्‍च शिक्षा के लिए विदेश भेज रहा है। मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत ये यूनाइटेड किंगडम जा रहे हैं।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी  छात्रवृत्ति योजना अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों के लिए अपना भविष्य गढ़ने का वाहक बनेगी। ये सभी इंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उन्‍होंने ने कहा आज झारखण्ड के 6 आदिवासी बच्चे यूके जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य 10 बच्चों के चयन का था, लेकिन अब आनेवाले दिनों में 10 से अधिक बच्चों का चयन कर उन्हें विदेश में उच्च शिक्षा देने का अवसर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में उच्च शिक्षा हेतु 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। बजट में बचने वाली राशि का समायोजन अगले वित्तीय वर्ष में विभाग करे ताकि अधिक से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर विदेश में मिल सके। राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के उद्यमियों को उद्योग स्थापना में भी सहयोग दे रही है। झारखण्ड औधोगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 में इन वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार से भी इन वर्गों को टैक्स में राहत देने का आग्रह सरकार द्वारा किया गया है। आज हम भौतिकवादी युग में जी रहें हैं। आदिवासी वर्ग शैक्षिक रूप से पीछे रहें हैं। राज्य सरकार इस पर लगातार मंथन कर रही है कि कैसे वंचित, कमजोर, दलित, पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य किया जाए। सरकार इन वर्गों के लिए सदैव खड़ी है।

हेमन्‍त सोरेन ने कहा कि राज्‍य के गठन के बीस साल हो गये। इस बीच राज्‍य ने बहुत उतार चढ़ाव देखे। हम उसकी चर्चा नहीं करेंगे। मगर आज झारखण्ड को अपने पैरों पर खड़ा होना आवश्यक है ताकि नई पीढ़ी नये नजरों से झारखण्ड को देख सके। राज्यवासी और उनकी भावनाओं के साथ झारखण्ड आगे बढ़ेगा।

अन्य वर्गों को भी मिलेगा अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा फिलहाल यह योजना आदिवासी समुदाय के छात्रों के लिए है, आनेवाले समय में अन्य वर्गों के बच्चों को भी अवसर देने पर सरकार विचार करेगी। सरकार ने राज्य में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को भी आर्थिक सहायता पहुंचा रही है ताकि उनके आगे की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा ना आये।

जयपाल सिंह मुंडा जिनके नाम पर यह छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है की चर्चा करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि इनका का नाम सदैव रहेगा। जयपाल सिंह मुंडा ने ना सिर्फ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण की बल्कि संविधान निर्माण में भी भूमिका निभाई। संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की टीम में सदस्‍य थे।

मंत्री बोले-मैं बोरा लेकर स्‍कूल जाता था

आदिवासी कल्‍याण मंत्री श्री चम्पई सोरेन ने कहा कि आज मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है। एक समय था जब मैं बोरा में बैठकर प्राइमरी स्कूल की शिक्षा ली है। यह सुखद क्षण है कि मेरे हस्ताक्षर से राज्य के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहें हैं। जयपाल सिंह मुंडा ने झारखण्ड को अलग पहचान दी है।

इसी माह विदेश जाएंगे चयनित छात्र

राज्य सरकार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी। इसके लिए प्रति वर्ष झारखण्ड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा।

इन्हें मिल रहा है स्कॉलरशिप

स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएन्टल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एमए की पढ़ाई करने जा रहे हैं। अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में एमए की पढ़ाई करेंगे। आकांक्षा मेरी का चयन लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में एमएससी के लिए हुआ है। दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ सस्सेक्स में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में एमएससी की पढ़ाई करेंगे। इसके अतिरिक्त अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में एमएससी तथा प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए की पढ़ाई के लिए चयनित हुई हैं।

ब्रिटिश उप उच्‍चायुक्‍त ने की तारीफ

आदिवासी छात्रों को उच्‍च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की हेमन्‍त सरकार की योजना की ब्रिटिश उप उच्‍चायुक्‍त ने तारीफ की है। कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, निक लो ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र भेजकर 'मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना' को सफलतापूर्वक शुरू करने और आदिवासी समुदायों के छात्रों को विदेश जाने में मदद करने के लिए बधाई दी है। सम्मान में शामिल न हो पाने पर दुःख व्यक्त किया।

ब्रिटेन में उच्च अध्ययन के लिए फर्स्ट बैच को भेजने पर प्रसन्‍नता जाहिर करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में पहुंच की असमानताओं को दूर करने की दिशा में मैं आपको इस दूरदर्शी पहल को आगे बढ़ाने के लिए बधाई देता हूं। झारखंड और यूनाइटेड किंगडम के बीच ज्ञान की साझेदारी को चलाने के लिए आपका नेतृत्व और झारखंड राज्य सरकार के प्रयास सबसे अधिक प्रशंसा के पात्र हैं।  यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में मास्टर्स प्रोग्राम के लिए चुने गए छह स्कॉलर्स के पहले समूह का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मेरे सहयोगी और मैं ब्रिटिश उप उच्चायोग में शिक्षा और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में एक गहरी और बड़ी भागीदारी को चलाने के लिए इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। उप उच्‍चायुक्‍त के पत्र पर धन्‍यवाद देते हुए हेमन्‍त सोरेन ने उन्‍हें पत्र भेजकर कहा कि यह शुरुआत है आने वाले समय में शिक्षा के साथ खेल, जलवायु परिवर्तन और अन्‍य संबद्ध प्रक्षेत्र में हाथ मिलाकर काम करेंगे।

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