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झारखंड: विधानसभा में 116418 करोड़ का बजट पेश, स्थापना से ज्यादा योजनाओं पर जोर, कृषि व आधारभूत संरचना पर फोकस

रांची। शुक्रवार को राज्‍य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में नये वित्‍तीय वर्ष ( वर्ष...
झारखंड: विधानसभा में 116418 करोड़ का बजट पेश, स्थापना से ज्यादा योजनाओं पर जोर, कृषि व आधारभूत संरचना पर फोकस

रांची। शुक्रवार को राज्‍य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में नये वित्‍तीय वर्ष ( वर्ष 2023-24) के लिए 1 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्‍होंने चौथी बार बजट पेश किया। उनसे अधिक रघुवर दास पांच बार बजट पेश कर चुके हैं। कुछ देर बजट भाषण सुनने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। विपक्षी के नेताओं का कहना था कि इस बजट में राज्य की जनता के लिए कुछ भी नहीं है। यह झूठ का पुलिंदा है। वित्‍त मंत्री ने बजट दस्‍तावेज राज्‍यपाल, मुख्‍यमंत्री और विधानसभा अध्‍यक्ष को भी सौंपे।

नये साल के बजट आकार में 15 प्रतिशत की वृदि्ध की गई है। बजट दस्‍तावेज के अनुसार कृषि, आधारभूत संरचना, सिंचाई आदि पर फोकस किया गया है। जैविक खेती को प्रोत्‍सान पर जोर है। अपने बजट भाषण में वित्‍त मंत्री ने कहा कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश की गई है। यह झारखंड का हमीन कर बजट है। बजट तैयारी में में सभी वर्गों के सुझाव को समाहित किया गया है। स्‍थापना खर्च से ज्‍यादा योजनाओं पर जोर दिया गया है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि राज्य पिछले तीन सालों में विकास की ओर अग्रसर है। विकास दर में अप्रत्‍याशित वृदि्ध हुई है। हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। बजट अंतिम आदमी को आगे लाने का काम करेगा। राजस्व संग्रह में भी 23.28 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। बजट अभिभाषण के अनुसार बजट में लगभग हर क्षेत्र का प्रावधान किया गया है। विकास योजनाएं गति पकड़ें इसे ध्‍यान में रखते हुए स्‍थापना से अधिक योजनाओं पर जोर दिया गया है। कृषि, आधारभूत संरचना, सिंचाई, जल संरक्षण पर ध्‍यान दिया गया है। पांच एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों के गाद हाने पर डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि के क्षेत्र में खाद और कीटनाशकों का इस्‍तेमाल कम करते हुए जैविक खेती के प्रोत्‍साहन की खातिर फसल सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। हमारी सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए राजकोषीय घाटा पर भी नियंत्रण रखने में सफलता पाई है। राजकोषीय घाटा एक प्रतिशत से भी कम रखने में सफलता पाई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि विगत 3 वर्षों में स्थापना व्यय में लगातार कमी आयी है जबकि पिछले तीन वर्षो में योजना व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार राज्य के विकास में तरजीह दे रही है। 23-24 में राजकोषीय घाटा तीन प्रतिशत से कम होने का अनुमान है। योजना व्यय में लगातार वृदि्ध हो रही है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में बजट में अमूमन 10 प्रतिशत की वृदि्ध होती थी हमने 15 प्रतिशत की वृदि्ध की है। सीएम मेधा छात्रवृत्ति योजना ,सीएम गंभीर बीमारी योजना ,धोती साड़ी लुंगी योजना सहित सभी योजनाएं सीधे राज्य की जनता से जुड़ी हैं। हमारी सरकार के पांव जमीन पर मजबूती से टिके हैं और आसमान की ऊंचाई को छूना है। हमारी सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए बेहतर ऋण प्रबंधन किया है।

13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकता किसानों को ऋण से मुक्ति दिलाना और उनके आय में बढ़ोतरी करना है। राज्‍य के 13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है। सौर ऊर्जा आधारित मैक्रो एरिगेशन को लागू करने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू किया जाना है।

क्रियान्‍वयन का साल, राष्‍ट्रीय से ज्‍यादा विकास दर

वित्त मंत्री  ने कहा कि बजट में प्रस्तावित योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए नया वित्‍तीय वर्ष योजनाओं के क्रियान्‍वयन का वर्ष होगा। वर्ष 2019-20 में राज्य का आर्थिक विकास दर 1.1 प्रतिशत था, 2021-22 में यह 8.2 प्रतिशत रहा, 2022-23 में राष्ट्रीय आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की तुलना में हमारे राज्य का विकास दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। झारखंड ने अपने राजस्व आय में उत्तरोत्तर वृदि्ध हासिल की है। वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व आय 25 हजार 521 करोड़ 43 लाख रुपये थी जो 2021-22 में 31 हजार 320 करोड़ 36 लाख रुपये और 2022-23 में 22.28 प्रतिशत वृदि्ध के साथ 38 हजार 612 करोड़ 84 लाख रुपये रहने का अनुमान है।

हर प्रक्षेत्र पर ध्‍यान

श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए बजट में 67 प्रतिशत की वृदि्ध की गई है। श्रम नियोजन के लिए 985 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। आईटीआई संस्थानों के आधारभूत संरचना को मजबूत करने का प्रस्ताव किया गया है। मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत राज्य के 1 लाख 40 हजार युवक युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर चाईबासा, दुमका और बोकारो में आवासीय विद्यालय राज्य सरकार शुरू करेगी। पहली बार बांग्ला एवं उड़िया भाषाओं में क्लास 1 से 5 तक चयनित स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा भी बच्चों को प्रदान की जाएगी। आधारभूत संरचनाओं का विकास तेजी से करना सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में पूंजीगत परिव्यय में वृदि्ध पर बल दिया है। वर्ष 2021-22 में यह 10 हजार 789 करोड़ रुपये था जो चालू वर्ष में 18 हजार 17 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। नये वर्ष में इसे 25 हजार 317 करोड़ का आकलन किया गया है।

बजट की खास बातें

नेतरहाट को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए नेतरहाट टूरिस्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी बनेगा, खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए ग्रास रूट ट्रेनिंग सेंटर और सिदो कान्हू युवा क्लब स्थापित किए जाएंगे, आम जनता के लिए सस्ते दर पर एयर एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की जाएगी, दुमका और बोकारो स्थित हवाई अड्डों से इस वित्तीय वर्ष में उड़ान शुरू होगा, सूखा राहत के लिए प्रत्येक किसान परिवार को 3500 रुपए का लाभ, सिंचाई की खातिर 5 एकड़ क्षेत्र से कम के तालाब से गाद हटाने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान, फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने और जैविक कृषि की दिशा में सरकार इस वर्ष फसल सुरक्षा योजना लागू करेगी, मनरेगा के तहत  9 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य, 1 लाख के किसानों की जमीन पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा, पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 3542 करोड़ का प्रावधान।

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