रांची। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के प्रदेश झारखंड में खिलाड़ियों को नई उड़ान मिलेगी। हॉकी के क्षेत्र में यहां की बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराती रहती हैं। मगर अनेक ऐसे भी बड़े खिलाड़ी रहे तो बाद में संसाधन के अभाव में खाने और इलाज तक के संकट का सामना करते रहे। उन्हीं की समस्याओं को देखते हुए राज्य में नई खेल नीति का निर्माण किया गया है। इसके तहत पेंशन, छात्रवृत्ति, बीमा, खेल विवि, खेल अकादमी आदि का प्रावधान किया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में झारखंड खेल नीति, 2022 का लोकार्पण किया खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए हेमन्त सोरेन ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों के लिए हमने नई खेल नीति बनायी है जिसका आज विधिवत रूप से लोकार्पण हुआ है। सरकार द्वारा बनायी गई यह खेल नीति राज्य के खिलाड़ियों, कोच तथा प्रशिक्षकों के लिए समर्पित है। झारखंड के नौजवानों में खेल के प्रति रुचि, जागरूकता और झुकाव को मैंने काफी करीब से समझने का काम किया है। यहां के खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार द्वारा बनायी गई नई स्पोर्ट्स पॉलिसी हमारे खिलाड़ियों को बिना रुकावट खेल की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार खेल की दिशा में राज्य सरकार ने अपना कदम बढ़ाया है, निश्चित रूप से खेल के क्षेत्र में झारखंड देश का अग्रणी राज्य बनेगा।
सीमित संसाधनों में तैयारी कर बनते हैं नंबर-1
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आप सभी ने देखा है कि पिछले दिनों देश के दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों ने झारखंड में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है तथा यहां के प्रशिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण भी लेने का काम किया है। झारखंड के बच्चों ने कई खेलों में राज्य ही नहीं बल्कि देश का प्रतिनिधित्व किया है तथा पदक जीतकर विश्व में राज्य एवं देश का नाम रोशन किया है। झारखंड के खिलाड़ी जो पूरी दुनिया में खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रहे हैं, हमारे वे बच्चे बहुत ही सीमित संसाधनों में अपनी तैयारी करते हैं। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हमारे बच्चे सीमित संसाधनों से निकलकर देश में अपना स्थान पहले पायदान पर रखते हैं और देश में नंबर वन खिलाड़ी के रूप में उभरते हैं। इसी जज्बा को और आगे ले जाने के लिए नई खेल नीति बनाई गई है।
खिलाड़ियों को सहायता राशि न्यूनतम 50 हजार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत के हिसाब से पॉलिसी में परिवर्तन किया जायेगा। मैंने पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग को इस संबंध में निर्देश भी दिया है। कहा कि आने वाले समय में खेल पॉलिसी में बदलाव लाकर खिलाड़ियों को सहायता राशि के रूप में न्यूनतम 50 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक उम्र सीमा के बाद यहां के खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुरक्षित हो सके इस निमित्त भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। राज्य में बन रहे स्टेडियमों को और गति देने की जरूरत है। राज्य सरकार स्कूलों में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है, इससे संबंधित कार्य योजना बनायी जाएगी।
हर वर्ग को कुछ न कुछ सहायता
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि विगत 20 वर्षों में झारखंड में विकास की गति थम सी गई थी, वर्तमान सरकार ने राज्य की आंतरिक संसाधनों को बढ़ाने पर बल दिया है। एक-एक राज्य वासी को सरकार का अंग बनाकर उनकी मदद से विकास की लंबी लकीर खींचने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड में पर्याप्त संसाधनों के अनुरूप ही हमारी सरकार हर वर्ग को कुछ न कुछ, किसी न किसी तरीके से सहायता प्रदान करने का काम कर रही है। हमारी सरकार बुजुर्ग, नौजवान, महिला, बच्चे सभी की चिंता कर रही है। सभी का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की खनिज-संपदा का लाभ हमेशा बड़े-बड़े व्यापारियों- प्रतिष्ठानों को जाता रहा है। हमारी सरकार इससे अलग हटकर राज्य के समस्त जनमानस को लाभ पहुंचाने, आदिवासी-मूलवासी बच्चों की प्रतिभा को निखारने की दिशा में यहां की प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर रही है।
खेलेगा झारखंड तो बढ़ेगा झारखंड
इस अवसर पर पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री श्री हफिजुल हसन ने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से झारखंड खेल नीति, 2022 का लोकार्पण आज हो रहा है। यह खेल नीति मुख्य रूप से यहां के खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य, झारखंड में खेल गतिविधियों का प्रसार, युवाओं को रोजगार, आमजनों में आत्मविश्वास एवं झारखंड को राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। खेल नीति में खिलाड़ियों को नौकरी एवं शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि खेल मैदान में खिलाड़ियों की कोई जाति, कोई मजहब, कोई धर्म नहीं होता है। खिलाड़ी केवल खेल भावना एवं राष्ट्रीय भावना से खेलता है और यह दिलों से दिल को जोड़ने का स्थान होता है। उन्होंने कहा कि यह खेल नीति प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चयनित खेल विद्या में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि खेलेगा झारखंड तो बढ़ेगा झारखंड।
ये खिलाड़ी हुए सम्मानित
इस अवसर पर राज्य के 13 खिलाड़ियों को सहायता राशि देकर सम्मानित किया गया। सहायता राशि प्राप्त करने वाले हॉकी खिलाड़ियों में पंकज कुमार रजक, संगीता कुमारी, सलीमा टेटे, निक्की प्रधान, आशा किरण बारला एवं ब्यूटी डुंगडुंग तथा एथलेटिक्स खिलाड़ी सुप्रिती कच्छप, फ्लोरेंस बारला, विशाखा सिंह, रिया कुमारी, विधि रावल, आकाश यादव एवं हेमन्त कुमार नाम शामिल थे। हॉकी खिलाड़ी पंकज कुमार रजक, संगीता कुमारी, सलीमा टेटे, निक्की प्रधान, आशा किरण बारला, ब्यूटी डुंगडुंग एवं एथलेटिक्स खिलाड़ी सुप्रिती कच्छप की अनुपस्थिति में इनके परिजनों को सहायता राशि देकर सम्मानित किया गया। मौके पर बड़ी संख्या में अधिकारी और खेल संघों के प्रतिनिधि व खिलाड़ी मौजूद थे।
यह है खेल नीति में
खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जायेगी, पूर्व खिलाड़ियों को पेंशन मिलेगी, इन्हें बीमा से जोड़ा जायेगा। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जायेगा। खेल विवि की स्थापना की जायेगी। वर्ग दो, तीन और चार के पदों पर प्रतिभावान खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति होगी। शैक्षणिक संस्थानों में इनके नामांकन में आरक्षण का प्रावाधान होगा। खेल अकादमी की स्थापना की जायेगी। डे बोर्डिंग, आवासीय खेल विकास केंद्र की स्थापना की जायेगी। हॉकी, फुटबॉल आदि खेलों के लिए प्रीमियर लीग का आयोजन होगा। खेल के प्रोत्साहन के लिए स्टेट स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का निर्माण किया जायेगा।