रांची। राज्यभर के पुलिस अधीक्षकों और वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से जोड़ें।
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है ।विशेषकर उग्रवाद एवं अपराधिक घटनाओं पर हर हाल में लगाम कसा जाना चाहिए ताकि भयमुक्त वातावरण बनाए रखा जा सके । बैठक में कानून और व्यवस्था तथा उग्रवाद एवं अपराध नियंत्रण समेत विधि व्यवस्था संधारण से जुड़े विभिन्न मसलों की समीक्षा मुख्यमंत्री ने समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और सारंडा समेत नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की उपस्थिति में शिविर लगाकर ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ दें। इसके साथ यहां बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायें। इससे पुलिस के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और उग्रवादी घटनाओं को आम जनता के सहयोग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सुरक्षाबलों के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में सिविक एक्शन प्लान चलाकर लोगों को जरूरत के सामान लगातार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
युवाओं को रोजगार से जोड़ने में पुलिस करे सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर उग्रवादी घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग सकता हैं । उन्होंने पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे ग्रामीण इलाकों में तैनात सुरक्षाबलों की जरूरत के सामानों को ग्रामीणों से लें। इससे उन्हें रोजगार मिलने के साथ आय में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए यथासमय जो भी जरूरत की चीज होगी, सरकार मुहैय्या कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क और पुल- पुलिया बनाने की अगर जरूरत है तो उसकी पूरी मैपिंग कराएं और सरकार को इसकी रिपोर्ट दें। इसके बाद यहां पुल पुलिया और सड़क बनाने की पहल की जाएगी, ताकि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में सुरक्षा बलों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।
एक माह में सभी जेलों में जैमर लगाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में बंद कई अपराधियों द्वारा मोबाइल या अन्य माध्यमों से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की शिकायत लगातार मिल रही है । इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए । मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य के सभी जेलों में एक माह के अंदर जैमर लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो रही है। इस बार दुर्गा पूजा बड़े पैमाने पर हो रहा है, जिसमें भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ऐसे में दिसंबर तक पूरे राज्य को हाई एलर्ट पर रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। शांति और सद्भाव बना रहे, इसके लिए पुलिस सभी जरूरी और ठोस कदम उठाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कोडरमा रामगढ़ और सिमडेगा को उग्रवाद प्रभावित जिलों से हटाने के बाद राज्य में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 16 हो गई है इनमें 8 जिले अति नक्सल प्रभावित है जबकि 8 जिलों में मॉडरेट नक्सली गतिविधियां हो रही है वही 8 जिले उग्रवाद से मुक्त हैं। राज्य में सुरक्षाबलों द्वारा द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन की वजह से उग्रवादियों द्वारा दिए जाने वाले घटनाओं मैं लगातार कमी आ रही है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादियों द्वारा 22, पीएलएफआई के द्वारा 13, टीपीसी के द्वारा 9 और जेजेएमपी के द्वारा 10 घटनाओं को अंजाम दिया गया। वर्ष 2020 से अभी तक पुलिस एवं नक्सलियों के बीच 108 बार मुठभेड़ हुआ है। इन मुठभेड़ों में 27 नक्सली मारे गए हैं। 2020 से अभी तक 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है तथा 1131 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गए 138 हथियार (आर्म्स) और 774 आईईडी बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है।
बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ , सारंडा , पोड़ाहाट और चतरा- गया के सीमावर्ती इलाकों में 31 मार्च 2022 तक 25 नए फॉरवर्ड पोस्ट / कैंप स्थापित किए गए हैं । 15 नए पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं। इससे इन इलाकों में अगर कोई उग्रवादी घटना होती है तो सुरक्षाबलों को तुरंत मोर्चे पर ऑपरेशन के लिए भेजा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपराधिक गिरोहों के खिलाफ एटीएस को लगातार सफलता मिल गई है। एटीएस शीर्ष अपराधिक गिरोह के 32 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है । इनके पास से 51 अत्याधुनिक हथियार और 10 हज़ार के लगभग कारतूस भी बरामद हुए हैं। आपराधिक गिरोहों के अपराधियों के पास से लगभग 76 लाख 97 हज़ार रुपए नगद बरामद किए गए हैं। कई इंटर स्टेट अपराधिक गिरोहों का पर्दाफाश करने में एटीएस को सफलता मिली है।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का , पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा आदि मौजूद थे।