विपक्ष और सत्ताधारी पक्ष की मांग के बाद राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के मौके पर छूट दी है वहीं कोरोना के दूसरे लहर की आशंका को लेकर अलर्ट भी जारी किया है।
पश्चिम बंगाल के बाद रांची के दुर्गा पूजा के पंडालों की भव्यता चर्चा में रहती है। कोरोना में जारी प्रतिबंध में छूट देते हुए अब सात के बदले 15 व्यक्ति पंडाल में मौजूद रह सकेंगे। साथ ही पूजा पंडाल ध्वनि विस्तारक यंत्र ( लाउडस्पीकर) का इस्तेमाल कर सकेंगे मगर आवाज 50 डिसिबल से अधिक नहीं होगी। सिर्फ लाइव पाठ, आरती का प्रसारण किया जा सकेगा। रिकार्डेड सीडी, कैसेट आदि का नहीं। वह भी सुबह सात से रात्रि नौ बजे तक। देर रात जारी आदेश के बाद सुबह से पंडालों से पूजा की आवाज फिजां में गूंजने लगी है। श्रद्धालुओं की सीमा बढ़ाये जाने पर लोगों को राहत मिली है। मगर अधिकतम चार फीट की मूर्ति, किसी थीम पर पंडाल का निर्माण नहीं, तोरण द्वारों का निर्माण नहीं, पूजा पंडाल के पास कोई फूड स्टाल नहीं जैसे प्रतिबंध जारी रहेंगे।
पूजा में छूट के बीच इधर स्वास्थ्य विभाग ने पूजा के दौरान कोरोना के दूसरे लहर की आशंका जाहिर करते हुए उपायुक्तों ( जिलाधिकारियों) से पूजा में एहतियात बरतने का निर्देश जारी किया है। राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के निदेशक ने सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर कहा है कि सूबे में कोरोना का प्रकोप घटा है मगर दुर्गा पूजा के दौरान इसके दूसरे लहर की आशंका है। इस आलोक में कोरोना को लेकर पूर्व में जारी दिशा निर्देश का सख्ती से पालन करने, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन, थर्मल स्क्रिनिंग, भीड़ पर नियंत्रण जैसे मानकों का विशेष ध्यान रखने और पूजा पंडालों के पास जांच बढ़ाने, खाद्य पदार्थों की जांच बढ़ाने जैसे निर्देश दिये गये हैं।
बता दें कि बीते 17 अक्टूबर को ही भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूजा के दौरान और छूट की मांग की थी। कहा था कि कोरोना की स्थिति अब नियंत्रण में है, लोग निर्देशों के पालन और सावधानी बरतने के अभ्यस्त हो चुके हैं। दूसरी तरफ यह भी कहा था कि कोरोना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ राहगीरों को भोजन, दीदी किचन के माध्यम से भोजन वितरण कर कीर्तिमान बनाया गया। दुर्गा पूजा में प्रसाद वितरण से ज्यादा ही प्रबंधन का प्रदर्शन था। ऐसे में पूजा के दौरान विभिन्न तरह के प्रतिबंध से छूट दी जानी चाहिए। यह भी कहा था कि झारखंड सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत के दौरान श्रद्धांजलि देने, जनाजा में हजारों लोगों का हुजूम था। चुनावी सभाओं में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं ऐसे में पूजा के मौके पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध क्यों। इसके अगले ही दिन 18 अक्टूबर को सत्ताधारी
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूजा के दौरान प्रतिबंध के सरकारी आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया था। पंडाल में 7 के बदले 25 लोगों के प्रवेश और लाइव पाठ, आरती का लाउडस्पीकर से प्रसारण की छूट की मांग की थी। विसर्जन जुलूस में भी 25 लोगों के शामिल होने की छूट देने का आग्रह किया था। उसके बाद सरकार ने भी एक सीमा तक, छूट का आदेश जारी कर दिया।