कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू के बारे में निर्णय नहीं कर सकी मगर व्यापारियों ने खुद पहल की। शनिवार को रांची के हृदयस्थली के शास्त्री नगर के व्यापारियों ने एक सप्ताह की बंदी का एलान किया तो रविवार को अटल वेंडर मार्केट के कारोबारियों ने एक सप्ताह तक दुकानें बंद रखने का निर्णय किया है। वेंडर मार्केट एक प्रकार से रोज कमाने-खाने वालों का बाजार है। वहीं सचिवालय सेवा संघ ने 19 से 23 अप्रैल तक सेल्फ लॉकडाउन के तहत सामूहिक अवकाश पर रहने का फैसला किया है। इस दौरान संघ से जुड़े सेवाकर्मी जिनकी आवश्यक सेवा है दफ्तर जायेंगे। अन्य फोन पर उपलब्ध रहेंगे और बहुत जरूरी होने पर बुलाने पर दफ्तार जाकर कार्य विशेष का निबटारा कर वापस लौट आयेंगे। वहीं करोरा संक्रण को देखते हुए झारखण्ड बार काउंसिल ने पूरे प्रदेश में अदालती काम 19 से 25 अप्रैल तक काम नहीं करने का निर्णय किया है। न फिजिकल न वर्चुअल। 25 को बैठक कर स्थिति के हिसाब से आगे का निर्णय किया जायेगा। दूसरी तरफ राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान ( रिम्स) में कोरोना मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए अधीक्षक ने 19 अप्रैल से अगले आदेश तक रिम्स के सभी ओपीडी को बंद करने का आदेश जारी किया है।
इधर लॉकडाउन को लेकर सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस में भी मतभेद दिख रहा है। कोरोना को लेकर सर्वदलीय बैठक में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा सहित कुछ अन्य नेताओं द्वारा लॉडाउन-नाइट कर्फ्यू जैसी सिफारिशों के बावजूद सरकार ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं किया। बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने भी सीधे लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू की सिफारिश नहीं की। वहीं कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की विकल्प बचा है। भले ही ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में इसे लागू किया जाये। उन्होंने राज्य सरकार से कहा है कि 18 सल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए केंद्र से अनुरोध करे। इधर महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने भी पूरे राज्य में 15 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की मांग की है। वहीं सरकार ने छह प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों को कोरोना कार्य में निगरानी के लिए रांची डीसी के साथ तैनात किया है।