झारखण्ड में एक मार्च से सिनेमा हॉल, कोचिंग, आठवीं से 11 वीं तक स्कूल, सभी पार्क आदि खुल जायेंगे। मगर जुलूस पर प्रतिबंध जारी रहेगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कोरोना के कारण लगाये गये प्रतिबंध में ढील का निर्णय लिया गया। झारखण्ड चैंबर ऑफ कामर्स की ओर से भी सिनेमा हॉलों को खोलने की मांग की जा रही थी।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार एक मार्च से रोस्टर प्रणाली समाप्त करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों में शतप्रतिशप उपस्थिति रहेगी। बंद स्थान वाले हॉल में क्षमता से पचास प्रतिशत तक व्यक्तियों के एकत्र होने की अनुमति रहेगी मगर खुले स्थान पर अधिकतम एक हजार लोगों के एकत्र होने की अनुमति रहेगी। जुलूस पर प्रतिबंध जारी रहेगा। कक्षा आठ, नौ व ग्यारह को खोलने की अनुमति दे दी गई है मगर अभिभावकों की अनुमति जरूरी होगी। विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी। सिनेमा हॉलों को खोलने की अनुमति मिल गई है मगर पचास प्रतिशत क्षमता पर ये खुलेंगे।
सभी कॉलेज, पोलिटेक्निक आदि उच्च शिक्षा संस्थान को भी खोलने की अनुमति दे दी गई है, यूजीसी के दिशा निर्देशों का पालन करने के मामले में निर्णय के लिए विश्वविद्यालयों को अधिकृत किया गया है। अधिकतम एक हजार व्यक्तियों के साथ मेला एवं प्रदर्शनी की भी अनुमति दी गई है। अधिकतम एक हजार तक दर्शकों की मौजूदगी के साथ खेलकूद प्रतियोगिताएं भी करायी जा सकेंगी।खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए स्वीमिंग पुल के साथ सभी प्रकार के पार्क भी एक मार्च से खुल जायेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों को एक अप्रैल से खोलने की अनुमति दी गई है। इसके पहले विभाग सुनिश्चित करेगा कि सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं का टीकाकरण हो गया है। सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क और देह दूरी के मापदंड का पालन करना होगा।
आइटीआइ, स्किल डेवलपमेंट सेंटर जैसे सभी ट्रेनिंग सेंटरों को खोलने की भी अनुमति दे दी गई है। मगर मुख्यमंत्री ने परीक्षाओं को देखते हुए आइटीआइ को 25 फरवरी से ही चालू करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना के मामलों में कमी आई है मगर यह खत्म नहीं हुआ है इसलिए एहतियात जरूरी है।