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झारखंड:हेमंत ने बदली नियोजन नीति, राज्य के बाहर से मैट्रिक-इंटर पास को भी मिलेगी नौकरी; क्षेत्रीय भाषा में हिंदी संस्कृत और अंग्रेजी भी शामिल

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति पर यू टर्न लिया है। 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति...
झारखंड:हेमंत ने बदली नियोजन नीति, राज्य के बाहर से मैट्रिक-इंटर पास को भी मिलेगी नौकरी; क्षेत्रीय भाषा में हिंदी संस्कृत और अंग्रेजी भी शामिल

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति पर यू टर्न लिया है। 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति विधेयक राज्यपाल द्वारा लौटाने और नियोजन नीति को हाई द्वारा रद करने के बाद नियुक्ति का मामला फंस गया था।गुरुवार को कैबिनेट की बैठक कर नियोजन नीति से संबंधित अपने पूर्व के फैसले में संशोधन कर दिया।

अब सरकारी नौकरियों में झारखंड से ही मैट्रिक और इंटर पास होने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया। कैबिनेट सचिव ने बैठक के बाद बताया कि स्थानीय रीति रिवाज और परंपरा को भी जानना जरूरी नहीं रहा। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा इंटर, टेन प्लस टू के संचालन नियमावली संशोधन किया गया है। क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त हिंदी अंग्रेजी और संस्कृत को भी जोड़ा गया है। ये  नियम कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा स्नातक स्तर नियमावली मैट्रिक दसवीं पास नियमावली और डिप्लोमा नियमावली में लागू होंगे। संशोधन में आरक्षित वर्ग के लिए भी लागू होगा।

एक अन्य फैसले के अनुसार, झारखंड से मैट्रिक और इंटर परीक्षा के फर्स्ट को 3 लाख सेकंड 2 लाख और थर्ड टॉपर एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जायेगी साथ ही मोबाइल और लैपटॉप दिया जायेगा। जबकि ओलंपिक में गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ियों को अब दो करोड़ की जगह 5 करोड़ मिलेगा।

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