झारखंड में डायन बिसाही और झाड़फूंक के नाम पर उत्पीड़न का सिलसिला थम नहीं रहा है। गुमला के घाघरा में तो एक कलयुगी बेटे ने इस कड़कड़ाती ठंड में डायन बिसाही के वहम में अपनी विधवा मां को ही आधी रात में घर से बाहर निकाल दिया। मां ने किसी तरह पुआल के ढेर में रात गुजारी। बात पुलिस तक नहीं पहुंची और मुखियाजी के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा। घटना घाघरा के चुंदरी पंचायत के हापामुनी गांव की है।
घाघरा के स्थानीय पत्रकार गौतम बताते हैं कि 65 वर्षीय महिला को एक ही पुत्र और बहू है। परिवार में बीमारी को लेकर बहू अकसर अपनी सास पर डायन बिसाही को लेकर ताना मारती और पति के कान भरती। अंतत: पत्नी के चढ़ाने पर बुधवार की आधी रात बेटे ने मां को घर से बाहर निकाल दिया। कड़कड़ाती ठंड में मां ने किसी तरह पुआल के ढेर में रात गुजारी और सुबह होती ही मुखिया आदित्य भगत के दरवाजे पहुंची। मुखियाजी का भी दिल पसीज गया तो गांव के प्रबुद्ध लोगों को बुलवार कर पीड़िता के घर बैठक कर पंचायती की। बहू-बेटे को समझाया। कहा, यह सब अंधविश्वास है। और जिस मां ने अपनी कोख में नौ माह रखा, गरमी, ठंड बारिश में खुद तकलीफ सह तुम्हे तकलीफ नहीं होने दिया उसके प्रति इस तरह की धारणा कतई ठीक नहीं। मुखिया और लोगों के समझाने का असर हुआ। फिर बहू-बेटे ने पांव छूकर माफी मांगी। पछतावा जाहिर किया और बात खत्म हुई।