इसी सप्ताह झारखंड की राजधानी रांची और बगल के जिला खूंटी में तीन-तीन लोगों की सामूहिक हत्या कर दी गई। हालांकि पुलिस ने तीनों ट्रिपल मर्डर की गुत्थी सुलझा ली है।
रांची के ग्रामीण इलाके सोनाहातू के राणाडीह में तीन महिलाओं की डायन बिसाही के शक में हत्या की गई। दिलचस्प यह कि बेटे ने ही ग्रामीणों के साथ मिलकर अपनी मां सहित तीन महिलाओं की हत्या कर दी। यह सब ओझागुनी के चक्कर में हुआ। सोमवार को तीसरी महिला का भी शव बरामद कर लिया गया। इस सिलसिले में अब तक एक दर्जन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, चार की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दरअसल तीनों महिलाओं की हत्या शनिवार को ही कर दी गई थी मगर पुलिस को रविवार को घटना की जानकारी मिली। दिलचस्प यह भी हत्या के मामले में कार्रवाई के लिए गांव पहुंची पुलिस को महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा। अतिरिक्त पुलिस मंगवाने के बाद सोनाहातू थाने की पुलिस गांव में प्रवेश कर पाई। गांव के ही एक ओझा ने ग्रामीणों से कहा कि राइलू देवी डायन है और 24 घंटे के भीतर सांप बनकर अपने बेटे को डंस लेगी। संयोग की 24 घंटे के भीतर ही राइलू के बेटे ललित को सांप ने डंस लिया। झाड़फूंक के दौरान ओझा ने ललित से कहलवा दिया कि उसकी मां राइलू देवी, ढोला देवी और आलमोनी देवी कसाथ सांप बनकर आई थी और उसे डंस लिया। बस होश आते ही ग्रामीणों के साथ मिलकर उसने अपनी मां सहित तीनों महिलाओं को मार डाला।
मारी गई आलमोनी देवी पर पहले से लोगों को डायन होने का शक था। इसी दबाव के कारण वह दो दशक पहले ही गांव छोड़कर चली गई थी। कुछ माह पहले ही आलमोनी वाप लौटी थी। लोग इस दौरान उसे शक की नजर से देख रहे थे। बारिश के मौसम में झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सांप निकलने और सांप काटने का प्रकोप बढ़ जाता है। गांव में भी ऐसा ही हुआ और लोगों का शक आलमोनी पर बढ़ गया।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार की रात ही ग्रामीणों ने बैठक कर तीनों महिलाओं की हत्या का निर्णय किया। रात में तीनों को घरों से निकाला गया और बारी बारी से हत्या कर दी गई। ललित की मां राइलू को डंडे से पीटकर मार डाला गया तो आलमोनी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। ढोली देवी को निर्वस्त्र कर उसकी साड़ी से गला घोंटकर मार डाला गया। इतना ही नहीं हत्या के बाद तीनों महिलाओं के शव को खाट पर लादकर दो किलोमीटर दूर मरंगबुरू पहाड़ पर लेजाकर फेंक दिया गया। इस उम्मीद में कि पुलिस शव तो तलाश नहीं पायेगी। सोमवर की शाम तीनों महिलाओं का शव पोस्टमार्टम के लिए रांची के रिम्स लाया गया। ग्रामीणों का आक्रोश कहें या विरोध किसे के भी परिजन साथ नहीं आये थे।
इसी माह एक सितंबर को रांची से सटे जिला खूंटी के घोर नक्सल प्रभावित अड़की थाना अंतरर्गत मदहातू टोला के कोदेलेबे गांव में ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा उनके पुत्र सिंगा मुंडा उर्फ बुधराम और पुत्रवधू मानी हरिबीना की लाठी डंडे और धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस हत्या की गुत्थी भी सुलझा ली है। इस सिलसिले में बयार सिंह मुंडा के भतीजा सिंगराय हरिबीना सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
खूंटी एसपी अमन कुमार के अनुसार पकड़े गये लोगों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। मारे गये ग्राम प्रधान बयार सिंह का नक्सली कनेक्शन रहा है। कई उग्रवादी घटनाओं में आरोपी भी था। माओवादियों के सहयोग से गांव में दबंगई करता था जिससे ग्रामीण परेशान थे। पूर्व में वह कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन के दस्ते से जुड़ा हुआ था और 2011 में जेल भी गया था। ग्राम प्रधान का गांव की एक महिला के साथ नाजायज संबंध भी था जिससे ग्रामीण उससे भड़के हुए थे।
यह भी खबर आ रही है कि हत्या के मामले में गिरफ्तार भतीजा सिंगराय ग्राम प्रधान बनने की चाहत रखता था मगर चाचा और चचेरे भाई के रहने यह कठिन था इसलिए उसने दोनों को रास्ते से हटाने का फैसला किया। ग्रामीणों की नाराजगी को देखते हुए गांव वालों के साथ मिलकर योजना बनाई और एक सितंबर की आधी रात घटना को अंजाम दिया गया।