रांची। घर में असुरक्षा देख लोग बैंक के लॉकर में गहने रखते हैं। अगर लॉकर में ही कोई सेंध लगा दे तो क्या कहेंगे। मगर यहां तो बैंक के डिप्टी मैनेजर ने ही लॉकर में सेंध लगा दी। इसलिए कि शराब के धंधे में उसे 40 लाख रुपये की चपत लग गई थी। बस लॉकर में सेंध लगा सोने के गहने निकाल गिरवी रखकर कम दर पर कर्ज ले बाजार में ऊंचे दर पर लगाकर भरपाई करने लगा। कोरोना के दौरान बैंक में ग्राहक न के बराबर आते थे, इसी का उसने फायदा उठा लिया।
घटना झारखंड के पलामू के जिला मुख्याल मेदिनीनगर के यूनाइटेड बैंक (अब पंजाब नेशनल बैंक) की है। राज तब खुला जब कोई ग्राहक अपने लॉकर से आभूषण निकालने आया। पहले तो लॉकर खुला नहीं, जब तोड़ा गया तो आभूषण गायब थे। कोई दस दिन पूर्व जब चियांकी कृषि अनुसंसाधन केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक ने लॉकर से गहना गायब होने का मामला नगर थाना में दर्ज कराया। खबर फैलते ही करीब आधा दर्जन लोग और पहुंचे तो उनके लॉकर से भी सोने के गहने गायब थे। इस सिलसिले में पुलिस बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। प्रशांत ने कई और लॉकरों में छेड़छाड़ की जानकारी पुलिस को दी है।
रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को चार ग्राहक जय कुमार, रमण किशोर, राजीव मुखर्जी और वेद प्रकाश अपना लॉकर खोलने पहुंचे। नहीं खुला। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जब लॉकर (संख्या 72, 28, 24, 46) तोड़ा गया तो सोने के गहने गायब थे। दो अन्य में सिर्फ चांदी के आभूषण थे। देर शाम तक उनमें मौजूद आभूषण के मिलान की कार्रवाई चलती रही। हालांकि डिप्टी मैनेजर भरोसा दिलाता रहा कि उनके गहने गायब नहीं हुए हैं। सोने के कारोबारी के पास तीन प्रतिशत ब्याज पर गिरवी पड़े हैं। तीन प्रतिशत पर कर्ज ले पांच प्रतिशत पर बाजार में लगाता था। बताया जाता है कि शराब के धंधे में 40 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई के लिए डिप्टी मैनेजर ने यह कदम उठाया था। पुलिस कुछ स्वर्ण कारोबारी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।