डायन बिसाही के शक में क्रूरता की घटना फिर सामने आयी है। गुमला जिला के सिसई में मां-बाप पर डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए गांव के लोगों ने ही उनके दो बेटों को खंबे में बांधकर जमकर पीटा बल्कि एक की आंख फोड़ दी। इस सिलसिले में स्थानीय मुखिया सहित 11 लोगों के खिलाफ सिसई थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हेमन्त सरकार ने हाल ही विधानसभा से मॉबलिंचिंग विधेयक पास किया है, आने वाले दिनों में इसका असर दिख सकता है। हालांकि यह पुलिस प्रशासन की लापरवाही का मामला भी है। क्योंकि डायन बिसाही का ही आरोप लगाकर पिछले 27 जुलाई को भी महादामिया देवी और हरि उरांव को आरोपितों ने पीटा था। दंपती द्वारा थाना में शिकायत किये जाने के बावजूद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी।
झारखंड के सुदूरवर्ती जिला गुमला के सिसई के लकेया गांव के रहने वाले महादामिया और उसके पति हरि उरांव पर ग्रामीण डायन बिसाही का आरोप लगा प्रताड़ित करते रहते थे। शनिवार की देर रात दंपती का छोटा बेटा अजय बाइक से घर लौट रहा था तो रास्ते में उसे रोककर मां-बाप पर डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए बिजली के खंबे से बांधकर पीटा और उसकी एक आंख फोड़ दी। घटना की खबर मिलते ही बड़ा भाई संजय पहुंचा तो उसे भी पोल से बांधकर पीटा। मां-बाप बचाने पहुंचे तो उनपर भी हमला कर दिया। बहन जब देर रात भागकर थाना पहुंची ते पुलिस ने पहुंच कर दोनों भाइयों को बचाया। सिसई अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने अजय की बाईं आंख फूट जाने की पुष्टि की। और गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
दोनों भाइयों का कहना है कि लकेया के मुखिया सुगिया देवी द्वारा उसके मां-बाप पर डायन बिसाही का आरोप पिछले डेढ़ साल से प्रताड़ित किया जा रहा है। गांव के रंथू गोप से मिलकर मुखिया ने उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया है। भाइयों का कहना है कि लकेया के इन्हीं आरोपियों ने 27 जुलाई को मां-पिता को डायन बिसाही का आरोप लगाकर पीटा था। जब दोनों प्राथमिकी दर्ज कराने थाना पहुंचे मगर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। बाद में एसपी को भी आवेदन दिया गया मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपित ग्रामीणों की प्रताड़ना का सिलसिला जारी रहा जो इस रूप में सामने आया है।
इस घटना के बाद पुलिस की नींद टूटी, पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। अजय और संजय के अनुसार मुखिया सुगिया देवी, रंथू, सुकरा उरांव, बोलवा उरांव, मोती उरांव, प्रवीण उरांव, जगतपाल उरांव, विश्वनाथ उरांव, रोहित उरांव, अमित उरांव, रमा उरांव, विजय उरांव में घटना को अंजाम दिया।