जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत को शुक्रवार को तीन महीने तक के लिए और बढ़ा दिया गया। उन्हें जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत नजरबंद रखा गया है। मुफ्ती पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय से ही हिरासत में हैं।
मई की शुरुआत में पीएसए के तहत मुफ्ती की हिरासत को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था। यह तारीख आने वाले समय में खत्म हो रही थी। वहीं, कोरोना संकट को देखते हुए मुफ्ती को अस्थायी जेल से उनके घर में शिफ्ट किया जा चुका है।
इससे पहले पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को सरकार ने शुक्रवार को रिहा किया है। लोन को भी अनुच्छेद-370 हटाए जाने के समय ही हिरासत में लिया गया था। लोन ने रिहा किए जाने की जानकारी ट्वीट कर दी थी। उन्होंने कहा था कि एक साल पूरे होने से पांच दिन पहले मुझे आधिकारिक रूप से सूचित किया गया कि मैं अब आजाद हूं।
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया था। इस फैसले से पहले राज्य के सैकड़ों नेताओं को हिरासत में लिया गया था। हालात सामान्य होने के साथ अधिकतर लोगों को रिहा किया जा चुका है। महबूबा मुफ्ती बीजेपी के साथ राज्य में गठबंधन सरकार भी चला चुकी हैं।