उत्तराखंड के जोशीमठ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। जोशीमठ में जमीन धंसने से जिन घरों में दरारें आ गई हैं, उन्हें ढहाने का काम मंगलवार को यानी आज से शुरू होना है। अधिकारियों का कहना है कि जो इमारतें दरारों की वजह से दूसरी बिल्डिंगों के लिए खतरा बन सकती हैं, उन्हें जमींदोज किया जाएगा। सबसे पहले जोशीमठ के दो होटलों होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को गिराया जा रहा है। हालांकि बहुत से ऐसे परिवार हैं, जो घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
इस बीच जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर पीड़ित महिला बिंदू ने कहा कि हमारा 60 साल का आशियाना एक पल में खत्म हो गया। हमें नहीं पता कि हम कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें सरकार से कुछ भी मदद नहीं मिली। वह (सरकारी अधिकारी) आए और लाल निशान लगाया और (घर) खाली करने के लिए कह दिया।
हमारा 60 साल का आशियाना एक पल में खत्म हो गया। हमें नहीं पता कि हम कहां जाएंगे। हमें सरकार से कुछ भी मदद नहीं मिली। वह (सरकारी अधिकारी) आए और लाल निशान लगाया और (घर) खाली करने के लिए कह दिया: जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर पीड़ित महिला बिंदू pic.twitter.com/a2vpWQt1g9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2023
जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर पीड़ित व्यक्ति मनीष ने कहा कि हमारा बचपन यहीं बीता है। हमको अचानक घर खाली करने के लिए बोल रहे हैं। शासन-प्रशासन को परवाह नहीं है, अधिकारी हमारे पास आए और घर खाली करने के लिए बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार में 7-8 लोग हैं. हमने पहले भी कई बार इसके बारे में सरकार को बताया था।
हमारा बचपन यहीं बीता है। हमको अचानक घर खाली करने के लिए बोल रहे हैं। शासन-प्रशासन को परवाह नहीं है, वह(अधिकारी) हमारे पास आए और घर खाली करने के लिए बोले। हमारे परिवार में 7-8 लोग हैं। हमने पहले भी कई बार इसके बारे में सरकार को बताया था:जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर पीड़ित व्यक्ति मनीष pic.twitter.com/5VIhCBcssC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2023
वहीं, होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार से बहुत तकलीफ है। ये होटल जनहित में तोड़ा जा रहा है कोई बात नहीं, मैं प्रशासन के साथ हूं। बस मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन कर देना चाहिए, मैं यहां से चला जाऊंगा। मेरा आग्रह है आर्थिक मूल्यांकन किया जाए।
खबरों के मुताबिक, जोशीमठ में प्रभावित लोगों ने अधिकारियों के सामने हंगामा किया और आत्मदाह करने की धमकी दी। बता दें कि अधिकारी लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि ये जगह धंसी हुई है, इसलिए जगह को खाली किया जाए।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मैं जोशीमठ गया था। हमने मौके का जायजा लिया। वहां बहुत से कार्य हो रहे हैं। जो भी मकान खतरे में है उसे गिराया जा रहा है। पहले 603 थे अब 678 हो गए हैं। कुछ लोगों को स्थानांतरित किया गया है, 87 घरों के लोगों को शिफ्ट किया गया है।
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि हमने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं और वहां से लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की टीम यहां आ रही है, उनके दिशानिर्देश पर असुरक्षित घरों को ध्वस्त किया जाएगा।
गौरतलब है कि जोशीमठ के इलाके को तीन जोन में बांटा गया है, जो खतरनाक, बफर और पूरी तरह से सुरक्षित हिस्सों में रखे गए हैं। इन जोन को मैग्नीट्यूड के आधार पर भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बनाया गया है। बताया जा रहा है कि भू-धंसाव के शिकार जोशीमठ की 600 से ज्यादा इमारतों पर दरारें मिली हैं। इन इमारतों में जो सबसे बुरी तरह प्रभावित हुई होगी, उन्हें ध्वस्त किया जाएगा।