जंग ने कहा कि कोर्ट का फैसला बताता है कि हमने वहीं किया जो संविधान के अनुसार सही था। यह एक तरह से संविधान की जीत है। जंग ने कहा कि अब दिल्ली सरकार को समझ लेना चाहिए कि उसके सारे फैसले गैर संवैधानिक थे। इधर मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है। लिहाजा दिल्ली की जनता के फैसले का सम्मान होना चाहिए।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली में 1993 से चुनी हुई सरकारें रही हैं। दिल्ली की सत्ता को 20 साल तक भाजपा और कांग्रेस ने चलाया है। उसके बाद एक नई पार्टी आयी, जिसे लोगों ने भारी बहुमत से जिताया। दिल्ली की जनता कांग्रेस और भाजपा से ऊब गयी थी, इसलिए तय किया इन्हें अब दिल्ली विधानसभा में नहीं आने देना है।” सिसोदिया ने आगे कहा, “20 साल तक कोई परेशानी नहीं थी, केवल जनता दुखी थी। जैसे ही हमने भ्रष्टाचार रोकने की शुरुआत की इन लोगों के लिए संकट शुरू हो गया”।
उच्च न्यायालय में आप सरकार के वकील ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर करेंगे। आप सरकार की ओर से भी कहा गया है कि वे संवैधानिक बेंच तक अपील करेंगे। इस फैसले को लेकर अभी आप सरकार मंथन में लगी है जबकि भाजपा ने आप पर चौ तरफा हमला बोला है। इसके साथ ही कानूनी विकल्प देखे जा रहे हैं। आप ने कहा है कि यह जनता के अधिकारों की लड़ाई है।