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आखिरकार मणिपुर में सामान्य हुआ जनजीवन, कर्फ्यू में दी गई ढील

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद पूरा देश वहां की शांति के लिए दुआएं मांग रहा था। अब मणिपुर में आखिरकार...
आखिरकार मणिपुर में सामान्य हुआ जनजीवन, कर्फ्यू में दी गई ढील

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद पूरा देश वहां की शांति के लिए दुआएं मांग रहा था। अब मणिपुर में आखिरकार जनजीवन सामान्य होने लगा है। मणिपुर के कुछ हिस्सों में रविवार को कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टरों की निगरानी में जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। दंगा प्रभावित चुराचांदपुर कस्बे में सुबह 7 बजे से 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई।

इस ढील के दौरान बड़ी संख्या में लोग भोजन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए घरों से बाहर निकले। हालांकि, ढील खत्म होते ही सेना और असम राइफल्स के जवानों ने कस्बे में फ्लैग मार्च किया। पूरे दंगा प्रभावित राज्य में सेना के जवान तैनात हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर में करीब 10,000 सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

वर्तमान परिस्थिति पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह लगातार नजर बनाए हुए हैं। उनका कहना है, "जमीनी स्तर पर शांति बनाने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में शांति समितियों का गठन किया जाएगा।" इसके अतिरिक्त जानकारी के अनुसार फिलहाल वक्त तक सभी समुदायों के 23,000 नागरिकों को बचाया गया है और उन्हें सैन्य छावनियों में ले जाया गया है।

गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में राज्य के दस पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसा पैदा हुई थी। देखते ही देखते हिंसा ने भयावह रूप धारण कर लिया। एक रक्षा बयान में कहा गया, "हमारे जवान सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, कोई बड़ी हिंसा की सूचना नहीं है और इसलिए कर्फ्यू लगाया जा रहा है।"

इसमें कहा गया है, "पिछले 24 घंटों में सेना ने हवाई निगरानी, यूएवी की आवाजाही और इम्फाल घाटी में सेना के हेलीकॉप्टरों की फिर से तैनाती के माध्यम से निगरानी के प्रयासों में काफी वृद्धि देखी है।" चुराचांदपुर में शनिवार को भी दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक दो घंटे की ढील दी गई थी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर चुराचंदपुर जिले में कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील देने की सूचना दी।"

एन बीरेन सिंह ने हिंसा प्रभावित राज्य में मौजूदा स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, "बैठक के दौरान, राज्य में शांति की अपील करने और सभी नागरिकों को किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया, जिससे हिंसा हो सकती है।" देखा जाए तो अभी के लिए यह अच्छे संकेत हैं कि जनजीवन धीरे धीरे ही सही मगर पटरी पर लौटता दिख रहा है।

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