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शराबबंदी: बिहार में कई गांवों पर सामूहिक जुर्माना, विरोध में उतरीं महिलाएं

बिहार में शराबबंदी कानून (बिहार मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016) के तहत कई गांवों पर जुर्माना लगाए जाने के बाद राज्य में जगह-जगह महिलाओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। विरोध में उतरी महिलाओं की प्रतिक्रिया है कि घर के पुरुष अगर शराब पीते हैं तो महिलाओं को भी गिरफ्तार करना या पूरे गांव पर जुर्माना लगाना कहां तक जायज है? उनलोगों का कहना है, पुरुष सदस्य अगर घर में लाकर शराब देंगे तो हमलोगों की क्या गलती है?
शराबबंदी: बिहार में कई गांवों पर सामूहिक जुर्माना, विरोध में उतरीं महिलाएं

नालंदा के कैलाशपुरी गांव पर सामूहिक जुर्माना लगाया गया है। इस गांव के हर परिवार को अब पांच-पांच हजार रूपये जुर्माना देना होगा। एक हफ्ते में राशि नहीं जमा कराने पर इन घरों के मुखिया के खिलाफ नई उत्पाद नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह सामूहिक जुर्माना की तैयारी नवादा व राजधानी से सटे कई गांवों के लिए भी की जा रही है।

अमूमन सामूहिक जुर्माने का प्रावधान तब होता है, जब दंगे में सांप्रदायिक या जातीय हिंसा हो, सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाया गया हो या उग्र भीड़ द्वारा तोड़ फोड़ की गई हो। बिहार में शराबबंदी अधिनियम के तहत इसी तरह का प्रावधान कर दिया गया है। इससे पहले बिहार में 1966 के अकाल के दौरान भोजपुर के कुछ गांवों पर सामूहिक जुर्माना लगाया गया था। तब ग्रामीणों ने नहर काट कर अपने खेतों में पानी ले लिया था।

बिहार में नए शराबबंदी कानून के तहत पुलिस और प्रशासन का एक तबका भी असंतुष्ट है। पुलिस के एक तबके ने सरकार को इस बाबत अल्टीमेटम भी दिया है। दरअसल, कानून का सख्ती से पालन नहीं करने वाले 11 थानाध्यक्षों से 10 वर्षों के लिए थानेदारी छीनने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

बिहार के नए कानून के अनुसार, किसी घर में शराब मिलने पर अब महिलाओं समेत उस घर के सभी बालिग़ सदस्यों को दोषी माना जाएगा और उन पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक दूसरे प्रावधान के मुताबिक अगर कोई गांव या शहर या उसका कोई इलाक़ा या समुदाय विशेष, इस क़ानून को बार-बार तोड़ेगा तो उस इलाक़े के सभी लोगों पर सामूहिक जुर्माना लगेगा। उत्पाद, मद्य निषेध और निबंधन मंत्री अब्दुल जलील मस्तान बताते हैं कि हमारी मंशा औरतों को जेल ले जाने की नहीं है। प्रावधानों के कारण पत्नी-बेटी जब सब मिलकर घर में शराब का विरोध करेंगे तो निश्चित रूप से उस शख़्स को मानना पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि जब इस क़ानून से जुड़े मामले अदालत के सामने आएंगे तो वे वहां नहीं टिक पाएंगे। वहीं नए कानून के इन प्रावधानों का विपक्ष भी पुरज़ोर विरोध कर रहा है। सरकार ने यह नया मद्य निषेध विधेयक विधानमंडल से पास करा लिया है और इसे अभी राज्यपाल की मंज़ूरी मिलनी बाकी है।

साथ में पटना से के. रॉय 

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