उत्तर प्रदेश में लखनऊ शूटआउट मामले को लेकर जहां राजनीति गरम है वहीं पुलिसकर्मियों में भी बगावती तेवर देखा जा रहा है। पुलिसकर्मी विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपित सिपाही प्रशांत चौधरी के समर्थन में उतर आए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में डीजीपी के निर्देशों को ताक पर रखते हुए लखनऊ के कुछ सिपाहियों ने शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर विरोध किया। जिसके बाद इस मामले में तीन सिपाहियों को निलंबित करते हुए संबंधित थाने के प्रभारियों को भी हटाया गया है।
विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपित सिपाही प्रशांत के समर्थन में सोशल मीडिया पर विरोध हत्याकांड के बाद ही शुरू हो गया था और उसकी पत्नी का अकाउंट नंबर और डिटेल शेयर भी किया गया था। जिसके बाद प्रशांत की सिपाही पत्नी राखी के खाते में करीब साढ़े पांच लाख रुपए जमा भी हुए। इसके अलावा विरोध स्वरूप पांच अक्टूबर को काली पट्टी बांधने का आह्वान किया गया, लेकिन एक दिन पहले ही डीजीपी ओपी सिंह ने फरमान जारी किया कि अगर विरोध हुआ तो कार्रवाई की जाएगी और इटावा के एक सिपाही को निलंबित भी किया गया, लेकिन लखनऊ से ही सिपाहियों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। यहां कई थानों में हाथ पर काली पट्टी बांध कर सिपाहियों ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
देश के टाप थ्री थानों में आने वाले गुडंबा थाने के पुलिसकर्मी आरोपी प्रशांत चौधरी और संदीप के पक्ष में लामबंद होकर काली पट्टी बांध कर शुक्रवार को ब्लैक डे मनाया। पुलिसकर्मियों ने कहा, हमें सस्पेंड होने से डर नहीं लगता। कितने इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टरों और कांस्टेबलों को सस्पेंड करेंगे। हम लोग पुलिस लाइन और जेल भर देंगे। गुडंबा के अलावा अलीगंज, नाका थाने पर भी सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया है।
‘यह सिपाही विद्रोह नहीं’
डीजीपी ओपी ने कहा कि पुलिस ढाई लाख जवानों का बल है। कुछ सिपाहियों द्वारा विरोध करना उसे विद्रोह नहीं कहते। जिन्होंने इस तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया में डाली हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
थाना प्रभारी हटाए गए, दो सिपाही गिरफ्तार
डीआईजी लॉ एंड आर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि काली पट्टी बांधने के मामले में लखनऊ जिले के थाना नाका, गुडंबा और अलीगंज के तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया है। संबंधित थाने के प्रभारी को भी हटाया गया है। इसके अलावा मिर्जापुर और वाराणसी में पुलिस से बर्खास्त दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया गया है।