शहडोल जिला चिकित्सालय में बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी है। शहडोल जिला चिकित्सालय में 60 घंटे भीतर पांच और बच्चों की मौत हो गई। दो बच्चों की मौत बुधवार को , दो बच्चों की गुरुवार को तो पांचवीं मौत शुक्रवार शाम हुई। दो दिन से बच्चों की मौत के मामले में खुद को बचाए रखने जिला चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा मामला सार्वजनिक नहीं किया गया। शुक्रवार दोपहर एक बच्चे को एक निजी चिकित्सालय से गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय लाए जाने और उसकी भी हालत नाजुक देख (इस बच्चे की भी शाम को मौत हो गई) सिविल सर्जन सामने आए। शहडोल में लगातार हो रही बच्चों की मौतों से एक बार फिर भोपाल तक हड़कंप मच गया।
सिविल सर्जन डॉ. वीएस बारिया ने पांच बच्चों की मौत हो जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि बुधवार को डिंडौरी से एक दिसंबर को आई ११ दिन की बच्ची की मौत बुधवार को एसएनसीयू में हुई थी। इसी दिन एसएनसीयू में एक २ दिन की बच्ची की भी मौत हुई। डॉ. बारिया ने बताया कि प्री-मैच्योर डिलेवरी के बाद बच्ची को ३० नवंबर को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
शहडोल जिले के ग्राम पोंगरी निवासी अजय की एक माह ६ दिन की बच्ची २ दिसंबर को यहां भर्ती कराई गई थी। सीएस के अनुसार बच्ची को जब यहां लाया गया था, निमोनिया (हाइपोथर्मिया) की वजह से उसके शरीर का तापमान ३० डिग्री था, उसे बचाया नहीं जा सका। उमरिया जिले के पाली निवासी राजकुमार कोल के सात माह के बच्चे को गुरूवार सुबह करीब साढ़े ११ बजे भर्ती कराया था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था, देर शाम उसकी मौत हो गई।