मध्य प्रदेश में उपचुनाव के रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि चंबल क्षेत्र के लोगों ने सिंधिया के खिलाफ वोट किया है। इसी क्षेत्र से कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिल रही है। दूसरी ओर सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों पर हार की तलवार लटक रही है। तीनों मंत्री शुरुआती दौर से ही लगातार पीछे चल रहे है। बसपा का खाता भी इसी क्षेत्र से खुल रहा है।
चंबल में भाजपा पर भारी कांग्रेस
चंबल की 7 में से पांच सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। मंत्री एंदलसिंह कंषाना मुश्किल में नजर आ रहे हैं। वे कांग्रेस उम्मीदवार अजबसिंह कुशवाहा से लगातार पीछे चल रहे हैं। एंदलसिंह दिग्वजयसिंह के करीबी थे और कमलनाथ सरकार से नाराजगी के चलते भाजपा का दामन थामा था। दिमनी से मंत्री गिर्राज दंडोतिया भी कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्रसिंह तोमर से पीछे हैं। मेहगांव सीट पर कांग्रेस के हेमंत कटारे ने मंत्री ओपीएस भदौरिया को पीछे छोड़ दिया है। मुरैना में बसपा के रामप्रकाश राजौरिया ने बढ़त बना रखी है। जोरा में भाजपा के सूबेदार सिंह आगे है
20 सीटों पर भाजपा को निर्णायक बढ़त
मतगणना के आधे से ज्यादा राउंट पूरे होने के बाद भाजपा को मालवा, ग्वालियर, निमाड़ और बुंदेलखंड में एकतरफा बढ़त मिलती नजर आ रही है। चंबल में कांग्रेस भारी पड़ती दिख रही है। भोपाल क्षेत्र की दो सीटों में एक-एक सीट पर भाजपा-कांग्रेस आगे चल रहे हैं। महाकौशल की इकलौती सीट भाजपा को जाते दिख रही है। कुल मिलाकर 28 में से 20 सीटों पर भाजपा, 7 पर कांग्रेस और एक सीट पर बसपा प्रत्याशी की बढ़त है।