राम मंदिर बनाने के लिए चंदा एकत्र करने के दौरान पथराव व विवाद की तीन घटनाएं सामने आई थी। उन घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने समुदाय विशेष के लोगों को गिराफ्तार किया। उसके बाद उनके घरों को भी अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया। इस तरह का मामला उज्जैन और इंदौर दोनों स्थानों पर सामने आया है।
उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में राम मंदिर निर्माण के लिए निकाली जा रही चंदा रैली पर पथराव के बाद हिंसा की की घटनाएं सामने आई है। यह घटनाएं उस समय हुई है जब चंदा रैली मुस्लिम क्षेत्रों में पहुंची। रैली निकालने वाले लोगों का आरोप है कि पथराव मुस्लिमों की ओर से किया गया। जिला प्रशासन भी स्थानीय मुस्लिम लोगों पर कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार भी किया गया। इंदौर में ही चंदनपुरा इलाके में इस तरह की घटना के बाद 27 मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद उन लोगों के घरों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया। प्रशासन का कहना था कि उनके घर अतिक्रमण कर बनाये गये थे, इस वजह से यह कार्यवाही की गई। इसी तरह उज्जैन जिले में भी मुस्लिम लोगों के घरों को तोड़ा गया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहले ही कह चुके है कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा। उसी का असर था कि जिला प्रशासन ने उन लोगों के खिलाफ और सख्ती कर दी है। इंदौर के उन इलाकों में अब सड़क चौड़ीकरण के नाम पर और भी घरों को तोड़ा जा रहा है। एक दिन पहले उन घरों में रहने वाले लोगों को नोटिस देकर घर खाली कराया गया और अगले दिन उसे तोड़ दिया गया।