विगत डेढ़ साल से कोरोना महामारी ने देश को झंझोर कर रख दिया है। मार्च 2020 में आई वैश्विक महामारी की पहली लहर में अंदाजा भी नहीं था कि यह महामारी कितनी घातक हो सकती है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा किये गए प्रबंध एवं उनके सहयोग की वजह से देश ने पहली लहर में जीत हासिल कर ली। देश की जनता अपनी दैनिक दिनचर्या में लौट ही रही थी कि मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर आ गई जिसकी वजह से फिर से देश में लॉकडाउन लग गया था, हालांकि पहली लहर शुरू होने के साथ वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया को आरम्भ कर दिया था, नतीजनत ड्रग कण्ट्रोल ऑफ़ इंडिया द्वारा कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीके को 01 जनवरी 2021 को मंज़ूरी मिल गयी। 18 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों को टीके लगवाने की मंज़ूरी अब तक मिली हुई थी। भारत देश में अब तक 150 करोड़ टीके 18 साल के ऊपर की उम्र वालों को लग चुके हैं। 26 दिसंबर 2021 को 2 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन का टीका लगाने की अनुमति केंद्र सरकाए द्वारा मिल गयी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 02 जनवरी को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश की जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों टीका लगना शुरू हो जायेगा। मध्यप्रदेश में 15 से 18 साल के बच्चों की आबादी लगभग 48 लाख है। मध्यप्रदेश सरकार ने एक दिन में लगभग 12 से 15 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाने का टारगेट बनाया है। 15 जनवरी तक फुल फस्ट डोज़ लगाने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। मध्यप्रदेश में बच्चों को टीका सिर्फ शासकीय स्कूलों में ही लगाया जायेगा।
प्रधानमंत्री के कोविड-सुरक्षित भारत की मुहीम को गति देते हुए मध्यप्रदेश ने राज्य में "जनभागीदारी” के मॉडल को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया। देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद भी जिस तरह मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य की जनता का टीकाकरण महाअभियान के तहत, टीकाकरण करवाया व अपने आप में सराहनीय है। नतीजन, मध्यप्रदेश में अब तक सवा 10 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। साथ ही 15 से 18 साल तक के 24 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण पहले ही सप्ताह में राज्य सरकार ने कर दिखाया है। यह मध्यप्रदेश की जनता के सहयोग के बिना असंभव था।
तीसरी लहर को गंभीरता से लेते हुए सीएम चौहान ने ग्राम स्तरीय समितियों से निवेदन किया है कि ग्रामीणों के खासी-जुकाम और बुखार को गंभीरता से लें। कोई भी ऐसा मामला संज्ञान में आने पर तुरंत उनकी RT-PCR सैंपल जाँच करी जाए, और फिर रिपोर्ट के अनुसार इलाज़ की व्यवस्था प्रदान की जाये। “मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना” के अंतर्गत 1 जनवरी से 31 मार्च तक प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जायेगा जिसमें 31,000 बेड अभी उपलब्ध हैं और 204 ऑक्सीजन प्लांट मध्यप्रदेश में विकसित किये गए हैं। राज्य के जिलों में सिटी स्कैन की व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया गया है, साथ ही अतिरिक्त डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती भी सुनिश्चित की गई है।
जानें क्या है पंजीकरण की प्रक्रिया
15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए सबसे पहले "कोविन पोर्टल" पर जाकर बुक योर स्लॉट पर क्लिक करना है। फिर अपना मोबाइल नंबर देना होगा जिस पर एक OTP आयेगा। OTP देने पर नया पेज खुलेगा जिसमें बच्चे का नाम, जन्म का वर्ष, जेंडर, आईडी का प्रकार और उसका नंबर भरना होगा और अपना शेड्यूल बुक करना होगा। छात्र अपने छात्र पहचान पत्र का उपयोग करके भी पोर्टल पर टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। टीकाकरण स्थलों पर टीकाकरणकर्ता द्वारा भी पंजीकृत किया जा सकता है।
हाल ही में कोरोना महामारी का एक नया वैरिएंट "ओमीक्रॉन" सामने आया है, जो कि खतरनाक हो सकता है। मास्क पहनना, बार-बार हाथ सेनिटाइस करना और दो गज़ की दूरी बनाये रखने के साथ-साथ देश की जनता को इन सभी "कोविड उपयुक्त व्यवहार" का गंभीरता से पालन करना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी कोरोना महामारी से देश को मुक्त करने के लिए कई मुहीम एवं अभियान चला रहे हैं। इसी क्रम में श्री चौहान ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और दोनों टीके लगवाने का मध्यप्रदेश की जनता से अनुरोध किया है। केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के प्रबंधन कर चुकी हैं। ‘जनभागीदारी’ से हम पहली और दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर को भी हरा सकते हैं।