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वाशरूम बना स्टोर रूम, किचन शेड के अभाव में शौचालय के बाहर पकता है मासूमों का मिड-डे मील

मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल में दिए जा रहे मिड-डे मील का एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है। ये मामला...
वाशरूम बना स्टोर रूम, किचन शेड के अभाव में शौचालय के बाहर पकता है मासूमों का मिड-डे मील

मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल में दिए जा रहे मिड-डे मील का एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है। ये मामला है राज्य के दमोह का, जहां स्कूली बच्चों को दिया जाने वाला खाना बनाकर शौचलय में रखा जाता है। ये सुनकर, अजीब लगेगा लेकिन राज्य के दमोह में एक सरकारी स्कूल में कुछ ऐसा ही चल रहा है। जहां कभी शौचालय में मिड डे मील का खाना पकता है, तो कभी पका पकाया खाना घंटों शौचालय में रखा जाता है।

यह स्‍कूल मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले के पटेरा ब्‍लॉक के मुड़ा गांव के सरकारी स्कूल का है। इस स्‍कूल में शौचालय और भोजनालय एक ही है। मुड़ा गांव के माध्यमिक स्कूल में बने बालिका शौचालय को किचन बना दिया गया है। स्व-सहायता समूह के लोग कभी इस शौचालय में खाना पकाते हैं, तो कभी शौचालय के बाहर खाना तैयार होकर फिर पका पकाया खाना शौचालय में रख दिया जाता है।

सरकार ने स्कूल की बिल्डिंग बना दी, शौचालय भी बना दिया लेकिन किचन शेड नहीं बनाया। जिसके कारण स्व-सहायता समूह अब शौचालय को ही किचन के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

किचन शेड नहीं, तो शौचालय में बन रहा है खाना

स्व-सहायता समूह चलाने वालों का कहना है कि उन्होंने कई बार मांग की है कि स्कूल में किचन शेड बनवा दिया जाए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हवा-पानी और धूप से बचने के लिए शौचालय ही एक मात्र विकल्प है। इन तमाम हालात के बाद स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि खाना और शौचालय का कोई संबंध नहीं है।

खाना बनाने वाली महिलाओं ने क्या कहा-

खाना बना रही महिलाओं का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों ने ही शौचालय में खाने पीने का सामान रखने की अनुमति दी थी। मैंने उन लोगों को आगाह किया था कि यह गलत है, लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी।' 

स्कूल मैनेजमेंट का क्या कहना है

वहीं, स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि मिड डे मील बनाने वाले स्व-सहायता समूह के लोगों को कई बार वहां खाना न बनाने के लिए कहा गया, लेकिन वे लोग सुनते ही नहीं हैं। स्कूल मैनेजमेंट ने ये भी कहा कि रसोई भवन अभी तक स्कूल को नहीं दिया गया है।

सभी समूहों पर नजर रखना संभव नहीं- भार्गव

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही नही होनी चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। भार्गव ने कहा कि अगर इस मामले में भ्रष्टाचार पाया जाएगा, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्कूलों के लिए मिड डे मील तैयार करने वाले सभी समूहों की निगरानी करना मुश्किल है। इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए व्यवस्था की जा रही है।


 

 

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