भारत में फ्रांस के राजदूत फ्रेंकोइस रिचर ने 54 वर्षीय सिंह को यहां कल देर शाम एक कार्यक्रम में इस सम्मान से नवाजा। राजदूत ने कहा कि टिक्का की कारोबारी यात्रा लुइ वीटॉन के साथ शुरू हुई थी और वह संस्कृति पर काम करने वाले एक असाधारण व्यक्ति हैं। उन्होंने भारत में फ्रांस की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए।
उन्होंने कहा कि उनका ताल्लुक फ्रांस की संस्कृति के साथ रहा और वह सही स्थान पर सही व्यक्ति साबित हुए। उन्होंने जो किया अगर वह वो नहीं करते तो दोनों देशों के बीच रिश्ते इस ऊंचाई पर नहीं पहुंचते। सिंह लग्जरी गुरू के तौर पर जाने जाते हैं। वह बहुराष्ट्रीट समूह मोएट हेनेसी-लुइ वीटॉन के अध्यक्ष के सलाहकार हैं। वह कपूरथला के महाराजा जगतजीत सिंह के पड़पौत्र और वशंज हैं। महाराजा जगजीत का फ्रांस की भाषा, इतिहास और संस्कृति से लगाव था। सिंह ने कहा यह सम्मान पाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्हें फ्रांस की संस्कृति का अनुभव उनके पड़दादा से मिला। वह कहते हैं कि मेरे ख्याल में फ्रांस की संस्कृति का उच्च सम्मान सीखना आनुवांशिक है जैसा उन्होंने किया था।