प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों को तेल की कीमतो में मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती करने की गुजारिश की थी, जिसका असर देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में लोगों को तेल की कीमतों में आज थोड़ी राहत मिल सकती है। महाराष्ट्र कैबिनेट आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। एक वरिष्ठ मंत्री ने बुधवार को यह जानकारी दी।
वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर वैट के मामले में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी केंद्र की तुलना में थोड़ी अधिक है, और इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी। महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक पहले बुधवार को होनी थी, लेकिन प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की बैठक चलते इसे गुरूवार को करने का फैसला लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र कैबिनेट की आज होने वाली मीटिंग में सरकार पेट्रोल-डीजल पर वैट टैक्स में कटौती करने के एक प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है। वित्त विभाग ने इस कटौती से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले दबाव के आकलन को लेकर एक नोट भी तैयार किया है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया जा सकता है।
वित्त विभाग के मुताबिक, अगर सरकार तेल की कीमतों में 1 रुपये की कटौती करती है, तो सरकार के खजाने पर 121 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वहीं, अगर कीमतों में 2 रुपये की कटौती की जाती है, 243 करोड़ रुपये और 5 रुपये की कटौती की जाती है तो 610 करोड़ रुपये का दबाव पड़ेगा।
डिजिटल बैठक के बाद, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान जारी कर केंद्र और राज्य सरकार के ईंधन और मुख्य रूप से पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए करों के हिस्से का विवरण दिया । सीएमओ ने कहा कि मुंबई में बिकने वाले डीजल पर केंद्र को 24.38 रुपये मिलते हैं, जबकि राज्य को 22.37 रुपये मिलते हैं। मुंबई में बिकने वाले एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 31.58 रुपये और 32.55 रुपये है।
बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने वैश्विक संकट के बीच तेल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर बात की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल, सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है। युद्ध की परिस्थिति से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है, ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी। राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें। कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया। मेरा आग्रह है कि देशहित में राज्य भी टैक्स कम करेंगे तो जनता को फायदा होगा।