महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्र सरकार के साथ 'जनरल कंसेंट' करार खत्म करने का आधिकरिक पत्र जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह करार खत्म होने के बाद अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को महाराष्ट्र में किसी भी केस की जांच के लिए महाराष्ट्र के गृह विभाग की इजाजत लेनी होगी। इसके पहले सीबीआई को महाराष्ट्र में आकर बिना इजाजत केस के जांच करने का अधिकार था।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन बाद में मामला पटना में अभिनेता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई को सौंप दिया था। मिली जानकारी के अनुसार, अब अगर सीबीआई किसी मामले की जांच करना चाहती है तो उसे सहमति के लिए राज्य सरकार से संपर्क करना होगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्य भी सीबीआई जांच को लेकर यह फैसला ले चुके हैं।
महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला तब आया है, जब सीबीआई ने फर्जी टीआरपी मामले की जांच के लिए केस दर्ज किया है। इससे संबंधित शिकायत उत्तर प्रदेश में दर्ज कराई गई है। टीआरपी केस की जांच मुंबई पुलिस कर रही है। रिपब्लिक टीवी समेत पांच चैनलों के नाम सामने आ चुके हैं। इस मामले में अब तक 8 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस चैनलों के अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है।
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने टीआरपी रैकेट मामले में बीते मंगलवार हंसा रिसर्च एजेंसी के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस मामले में अब तक कुल 8 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रामजी वर्मा (41) और दिनेश विश्वकर्मा (37) ने कुछ सालों के लिए हंसा एजेंसी में काम किया था। पुलिस के अनुसार, वर्मा को वर्ली से गिरफ्तार किया गया जबकि विश्वकर्मा को मुम्बई एयरपोर्ट से गिरफ्त में लिया गया।