महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण शहर में एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमित होने के संदेह में लोगों ने पिटाई कर दी। इस दौरान युवक की मौत हो गई।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि कोविड -19 रोगी होने के संदेह में एक 34 वर्षीय व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला किया गया। इस दौरान गटर में गिरने से उसकी मौत हो गई।
एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना बुधवार सुबह हुई, जब गणेश गुप्ता लॉकडाउन के बीच कुछ जरूरी सामानों की खरीदारी करने अपने घर से बाहर निकला था।
खांसी आने पर लोगों ने की मारपीट
अधिकारी ने बताया, "सड़क पर दौड़ रहे कुछ पुलिसकर्मियों को नोटिस करने पर, मृतक ने एक वैकल्पिक मार्ग लिया था, जहां कुछ राहगीरों ने चलते समय खांसने के बाद उसके साथ मारपीट की। लोगों ने उन पर कोरोना रोगी होने का संदेह किया और उस पर हमला किया, जिससे वह एक गटर में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
अब तक आकस्मिक मौत का मामला दर्ज
खडकपाड़ा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी ने कहा कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और अब तक आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई में मजदूर की मौत, पुलिस पर पिटाई के आरोप
मुंबई के डोंगरी इलाके में शनिवार रात घर लौटने के बाद एक मजदूर की मौत हो गई। मजदूर के साथ कमरे में रहने वाले उसके साथी का आरोप है कि पुलिस ने कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर उसकी पिटाई की थी। हालांकि, पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मजदूर की मौत हृदय रोग के चलते हुई। जेजे मार्ग पुलिस ने इस संबंध में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है। मृतक सगीर जमील खान के साथी का दावा है कि शनिवार रात घर लौटने के बाद खान ने उसे बताया था कि जब वह नल बाजार इलाके में ठेले पर फ्रिज देने जा रहा था तो डोंगरी में फूल वाली गली में पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसके सिर, हाथ तथा पीठ पर वार किया। उसके साथी ने बताया कि इसके बाद रात्रिभोज करते समय खान अचानक गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने किया इनकार
हालांकि जोन-1 के पुलिस उपायुक्त संग्राम सिंह निशानदार ने समाचार एजेंसी 'पीटीआई' को बताया कि खान की मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि उसकी मौत हृदय संबंधी रोग के कारण हुई। उसके शरीर पर अंदरूनी या बाहरी चोट के निशान नहीं थे। उन्होंने कहा, ''गली की सीसीटीवी फुटेज में वह पुलिस नाकेबंदी से अच्छी खासी दूरी से गुजरता हुआ दिखता है। पुलिस पर लगे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।''