मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज केंद्र सरकार के बैंक अकाउंट खोलने के लिए आधार अनिवार्य करने के फैसले पर कड़ी आलोचना की है। ममता ने ट्वीट कर कहा कि अगर आधार को एकतरफा रुप से अनिवार्य कर दिया जाएगा तो गरीब से भी गरीब व्यक्ति अधिकारहीन हो जाएगा। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आधार गोपनियता को लेकर एक अहम मुद्दा है और 100% कवरेज प्राप्त होने से पहले सरकार को इसे अनिवार्य नहीं करना चाहिए।
एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बैंक खाता खोलने तथा 50,000 रुपये या उससे अधिक के वित्तीय लेन-देन के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है। राजस्व विभाग की अधिसूचना में में कहा गया है कि जिनके बैंक खाते पहले से हैं उन्हें 31 दिसंबर, 2017 तक आधार नंबर जमा करना होग। जो निर्धारित तारीख तक आधार जमा नहीं करेगा उसका खाता अवैध हो जाएगा।
इससे पूर्व हाल ही में आधार पर दिए एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान पीठ के अंतिम फैसले तक जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, सरकार उन्हें पैन कार्ड से जोड़ने पर जोर नहीं दे सकती, लेकिन जिनके पास आधार कार्ड है, उन्हें इसे पैन कार्ड से जोड़ना होगा। कोर्ट ने आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान व्य्वस्थाय दी जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन आवंटन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है। इस मसले पर न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने चार मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
The poorest of the poor, the marginalised people will be the worst sufferers if #Aadhaar is made mandatory unilaterally 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) 16 June 2017
#Aadhaar has serious issues about privacy. Govt must not make it mandatory before 100% coverage is achieved 2/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) 16 June 2017