मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए पाटकर ने कहा कि नर्मदा नदी से हर रोज 172 करोड़ लीटर पानी कंपनियों द्वारा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गतिविधि जारी रही तो नर्मदा आने वाले दिनों में यमुना नदी की तरह सूख जाएगी। मेधा के नेतृत्व में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध प्रभावित परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन शुक्रवार 29 जुलाई को इंदौर से 'रैली फॉर द वैली' शुरू कर रहे हैं। वहीं 30 जुलाई से बड़वानी के राजघाट पर 'नर्मदा जल-जमीन हक सत्याग्रह' शुरू हो रहा है।
मेधा ने बताया कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के तमाम दिशा निर्देशों की अवहेलना कर सरदार सरोवर बांध का जल स्तर बढ़ाया जा रहा है और अब गेट लगाकर उन्हें बंद करने की तैयारी चल रही है। इससे मध्यप्रदेश के 244 गांव और एक नगर धर्मपुरी डूब जाएगा। उनका आरोप है कि 45 हजार परिवारों का पुनर्वास नहीं किया गया है और बांध पर गेट लगाए गए हैं। राज्य में सिर्फ 50 परिवारों का ही पुर्नवास किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में हत्याओं के लिए चर्चित रहने वाले अब सरदार सरोवर के नाम पर जलहत्या कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरदार सरोवर का एक बूंद पानी भी मध्यप्रदेश को नहीं मिलने वाला है। सबसे ज्यादा प्रभावित यहां के लोग ही हो रहे हैं। इस बांध का जलस्तर बढ़ने से एक तरफ विस्थापन बढ़ेगा वहीं घर, खेत, पशुधन, दुकानें, धार्मिक स्थल, लाखों की संख्या में पेड़ की जल समाधि हो जाएगी।