महबूबा मुफ्ती की केंद्र सरकार के नाम चिट्ठी, 5 अगस्त से अबतक हिरासत में लिए गए लोगों का मांगा ब्यौरा
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सरकार से बच्चों और महिलाओं सहित उन लोगों का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा है जिन्हें पांच अगस्त के बाद से हिरासत में लिया गया है। उन्होंने राज्य के बाहर जेलों में बंद लोगों के बारे में भी जानकारी मांगी है। मुफ्ती ने तीन दिनों के अंदर ही सूचना मुहैया कराने का भी अनुरोध किया है।
इल्तिजा के माध्यम से भेजे गए पत्र में यह जानकारी मांगी
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटे जाने के बाद से हिरासत में बंद मुफ्ती ने अपनी बेटी इल्तिजा के माध्यम से भेजे गए पत्र में यह जानकारी मांगी है। उनकी बेटी ने हाल में उनसे मुलाकात की थी। इल्तिजा ने केंद्रीय गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव को पत्र लिखकर सूचना मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने सूचना मांगने का निर्देश दिया है।
पांच अगस्त की शाम से ही मुफ्ती को हिरासत में रखा गया है
इल्तिजा ने पत्र में कहा, ‘मेरी मां महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त की शाम से ही हिरासत में रखा गया है। मैं पिछले हफ्ते उनसे मिल सकी थी। मुलाकात में मेरी मां ने राष्ट्रपति द्वारा जारी संवैधानिक आदेशों और पुनर्गठन कानून पारित होने के बाद हुई गिरफ्तारियों और हिरासत में लोगों को रखे जाने पर चिंता जताई है।’ इस पत्र को महबूबा के ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया गया है।
46 दिन बाद एक्टिव हुआ महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकांउट
जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बाद से वहां की कई राजनीतिक पार्टीयों को हिरासत में ले लिया गया था। इसमें कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी शामिल है। गिरफ्तारी के बाद से ही मुफ्ती सोशल मीडिया का भी उपयोग नहीं कर पा रही थी, लेकिन करीब 46 दिन बाद अब उनका ट्विटर एक्टिव हो गया है।
दरअसल, महबूबा के ट्विटर अकांउट से शुक्रवार को ट्वीट शुरू हो गया और उनकी बेटी इल्तिजा इसे संचालित कर रही हैं। इल्तिजा ने एक ट्वीट कर घोषणा की, 'जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, जिनका यह ट्विटर हैंडल है, उन्हें पांच अगस्त, 2019 को नजरबंद किया गया है। इस हैंडल को महबूबा मुफ्ती की इजाजत से अब मैं संचालित करूंगी।'
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बाद स्थानीय नेताओं को किया गया नजरबंद
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल में ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किया है। यह आर्टिकल राज्य को विशेष दर्जा देता था। मोदी सरकार ने सदन से राज्य पुनर्गठन बिल भी पारित कराया जिसके बाद अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बन गए हैं। अनुच्छेद-370 पर लिए गए केंद्र सरकार के फैसले के बाद से ऐहतियात के तौर पर सरकार ने वहां के स्थानीय नेताओं को हिरासत में लिया। कुछ नेताओं को उनके घर में नजरबंद रखा गया है।