जम्मू एवं कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित एक गांव में नागरिक प्रतिष्ठानों को पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में गंभीर क्षति हुई है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण पुंछ में 13 नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 44 घायल हो गए हैं।
अपने प्रियजनों को खो चुकी स्थानीय महिलाओं के विलाप ने जिले को संकट में डाल दिया है।
गांव में रहने वाले एक नागरिक ने स्थानीय समुदाय को हुए नुकसान के बारे में बताया, एक घर की ओर इशारा करते हुए जिसमें एक युवती और तीन बच्चे थे। उन्होंने सरकार से अपील की कि बंकर उपलब्ध कराए जाने चाहिए क्योंकि पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलाबारी हो रही है।
उन्होंने कहा, "हमारे सिख समुदाय को यहां भारी नुकसान हुआ है। इस महिला के छोटे बच्चे हैं और उसने बहुत कुछ खोया है। मैं सरकार से अपील करना चाहता हूं कि जल्द ही युद्धविराम हो और शांति हो।"
नागरिक ने कहा, "हमें बंकर नहीं दिए गए, जबकि हमारा क्षेत्र सीमा से सटा हुआ है और यहां बहुत अधिक गोलाबारी होती है। मैं अपील करना चाहता हूं कि हमें बंकर उपलब्ध कराए जाएं।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के ब्लॉक युवा अध्यक्ष मोहम्मद नसीम ने मांग की कि जिन लोगों को नुकसान हुआ है उन्हें राहत दी जाए।
उन्होंने एएनआई से कहा, "हमें नुकसान हुआ है। हमारी एक बहन की यहां मौत हो गई है। हम शांति चाहते हैं। हमें यहां बंकरों की जरूरत है। जिन लोगों को नुकसान हुआ है उन्हें राहत दी जानी चाहिए। युद्ध नहीं, शांति होनी चाहिए।"
पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में मोहम्मद नवाज मुगल की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने सरकार से सहायता की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा (पाकिस्तान के खिलाफ) की गई कार्रवाई उत्कृष्ट है।
मुगल ने एएनआइ को बताया, "हालांकि, हम सरकार से मदद की गुहार लगाते हैं, क्योंकि मेरे बेटे का घर क्षतिग्रस्त हो गया है।"
नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई भारी गोलाबारी 7 मई के 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब में की गई, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कुल नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था।