मध्यप्रदेश विधानसभा ने 12 साल या इससे कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषी के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने वाले विधेयक पर मुहर लगा दी है। विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से दंड विधि (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक-2017 पर मुहर लगाई। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्य सरकार कानून के रूप में इसे लागू कर पाएगी। बीते हफ्ते कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी।
प्रस्तावित विधेयक के तहत 12 साल या इससे कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार के दोषी को मौत की सजा या 14 साल सश्रम कैद का प्रावधान किया गया है। साथ ही, उम्र कैद की सजा की भी बात कही गई है। इसके अलावा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोषियों की सजा बढ़ाकर 20 साल करने का प्रावधान है। प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ के अपराध को गैर-जमानती अपराध बनाने का भी प्रावधान किया गया है। विवाह का झांसा देकर संबंध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत प्रमाणित होने पर तीन साल कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
सदन में प्रदेश के कानून मंत्री रामपाल सिंह ने विधेयक पेश किया। राज्य के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने विधेयक के सर्वसम्मति से पारित होने को अभूतपूर्व बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा ने जो विधेयक पारित किया है वह देश में पहला और सबसे सख्त कानून है। इस कानून के अमल में आने के बाद नाबालिग और महिलाओं के खिलाफ अपराध पर रोक लगेगी। दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा।
बीते हफ्ते जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश बलात्कार से जुड़े मामलों में पहले पायदान पर है। 2016 में देश में बलात्कार के कुल 38,947 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें 4,882 मामले केवल मध्यप्रदेश से जुड़े हुए हैं।