मध्य प्रदेश के इंदौर में चार महीने की बच्ची के अपहरण, रेप और हत्या के मामले में कोर्ट ने शनिवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले में 23 दिन में अपना फैसला सुना दिया है।
इस मामले में फैसले को लेकर शनिवार को आरोपी नवीन को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट रूम के भीतर मीडियाकर्मियों को जाने पर रोक लगा दी गई। जानकारी के मुताबिक, जज ने 7 दिन तक सात-सात घंटे सिर्फ इसी केस को सुना और 21 दिन में सुनवाई पूरी होने के बाद 23वें दिन फैसला सुना दिया।
आरोपी को फांसी की सजा
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश के रजवाड़ा में चार महीने की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में आज इंदौर हाईकोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुना दी। दरअसल, बच्ची के साथ ये घटना उन दिनों हुई थी जब उन्नाव और कठुआ गैंगरेप केस को लेकर देश गुस्से से उबल रहा था। उन्हीं दिनों इंदौर से इस दिल दहलाने वाली खबर ने सबको झकझोर के रख दिया।
Indore district court announces death sentence for convict in a rape and murder case of a four month girl in Rajwada #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) May 12, 2018
पुलिसकर्मियों की आंखों से भी आ गए थे आंसू
यह घटना 19 अप्रैल देर रात इंदौर के ऐतिहासिक रजवाड़ा क्षेत्र की है। इलाके में स्थित शिव विलास पैलेस के बेसमेंट एरिया में बच्ची का शव मिलने से सनसनी फैल गई। सीढ़ियों पर खून के धब्बे हैवानियत की गवाही दे रहे थे। बच्ची के क्षत-विक्षत शव की प्राथमिक जांच के बाद एक छोटे बंडल में उसे ले जाते हुए पुलिसकर्मियों की आंखों से भी आंसू आ गए थे।
नया कानून बनने के बाद यह पहला मामला
गौरतलब है कि नया कानून बनने के बाद यह पहला मामला है, जहां आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पॉक्सो कानून में संशोधन कर 12 साल से कर्म उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों के खिलाफ मौत की सजा के कानून को मंजूदी दे दी है। नए कानून के तहत अब यदि बलात्कार के मामले में लड़की की आयु 12 साल से कम होगी तो बलात्कारी को मौत की सजा होगी।
पुराने कानून के अनुसार, पॉक्सो कानून के तहत जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्र कैद थी जबकि न्यूनतम सात साल की सजा का प्रावधान था। दिसंबर 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले के बाद कानून में संशोधन किया गया था।