बिहार के मुंगेर जिले में बीते दिनों दुर्गा मूर्ती विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी के विरोध में गुरुवार को शहर में जमकर आगजनी हुई। शहर के कई शो-रूम को फूंक दिया गया। थाने में भी जमकर तोड़ फोड़ हुई। आतुर भीड़ ने पुलिस जीप को आग के हवाले कर दिया। एसपी कार्यालय के बाहर भी तोड़फोड़ और आगजनी हुई।
आउटलुक से बातचीत में मुंगेर एसपी ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा कि पूरे शहर में तनावपूर्ण स्थिति है। सरकारी और निजी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है। थाने में भी आगजनी की गई है। जिस तरह से आगजनी की जा रही है, वैसे में जान-माल का भी नुकसान हो सकता है। कर्मचारी ने कहा कि इस बात की अभी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि कितना का नुकसान हुआ है और क्या किसी की घटना में मौत हुई है। स्तिथि तनावपूर्ण है।
वहीं, चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए जिले के एसपी और डीएम को हटाने का आदेश दे दिया है। दोनों को हटा दिया गया है।
जिले में दशहरा पर दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और है कि पुलिस की तरफ से हुई गोलीबारी में युवक की मौत हुई है। इस झड़प में कई लोग घायल भी हुए। ये घटना सोमवार देर रात देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान घटी। गौरतलब है कि इसी तनाव के बीच बुधवार को मुंगेर में मतदान हुआ। चुनाव से ठीक पहले हुई इस घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आउटलुक से बातचीत में मुंगेर के बाटा चौक स्थिति स्थानीय निवासी गोपाल पंडित बताते हैं, "ये घटना पुलिस की जिद्द की वजह से घटी है। एसपी की तरफ से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को नवमी की रात ही विसर्जित करने का दबाव था, जबकि पूजा समिति के लोग दशहरे के दिन विसर्जित करने पर अड़े थे। सालों से यही परंपरा चली आ रही है। इसी बात को लेकर दशहरे के दिन विसर्जन के दौरान बाटा चौक पर पुलिस और लोगों के बीच भिड़ंत हो गई और दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें पूजा समिति के अध्यक्ष के भांजे को गोली लगी और मौत हो गई। इसमें कुछ असमाजिक तत्व भी घुसे थे।"