देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल के डायरेक्टर प्रो. एस एस सिंह के खिलाफ विरोध आंदोलन कि गूंज हाई कोर्ट तक जा पहुंची है। हाई कोर्ट ने पिछले 5 दिनों से विरोध आंदोलन चला रहे विद्यार्थियों की मांगों और समस्याएं जानने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल मुलाकात करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
एक अन्य घटनाक्रम में कल प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव लॉ अरविन्द मोहन सक्सेना और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त नीरज मंडलोई ने धरने पर बैठे विद्यार्थियों से उनकी समस्याएं सुनीं। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी डायरेक्टर प्रो. एस एस सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने सोमवार को कक्षाएं नहीं लगने दीं। इस बीच विद्यार्थियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम 600 पोस्टकार्ड लिखे हैं। इन पोस्टकार्ड में विद्यार्थियों ने संस्थान की समस्याओं का भी उल्लेख किया है।
इस बीच नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर प्रो. एस एस सिंह का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है ताकि संस्थान में अगले डायरेक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके और कुछ लोग उनकी छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि उनके खिलाफ अब तक के कार्यकाल में भ्रष्टाचार या अनियमितता का कोई भी मामला नहीं है। एक अन्य घटनाक्रम में प्रदर्शन कर रहे एनएलआईयू छात्रों को हाईकोर्ट ने बात करने बुलाया है। 10 छात्रों का एक दल जनरल काउंसिल के लिए गुरुवार को हाईकोर्ट जा सकता है।