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एनजीटी का गाजियाबाद, हापुड़ में भूजल दोहन पर केंद्र को नोटिस

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और हापुड़ जिलों में उद्योगों तथा घरों में जबर्दस्त भूजल दोहन से जलस्तर गिरने के मुद्दे पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज केंद्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।
एनजीटी का गाजियाबाद, हापुड़ में भूजल दोहन पर केंद्र को नोटिस

न्यायमूर्ति यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा अन्य को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

 

एनजीटी ने यह कदम गाजियाबाद निवासी सुशील राघव और एनजीओ सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ एंवायरंमेंट एंड बायोडायवर्सिटी की याचिका पर उठाया जिसमें गाजियाबाद और हापुड़ में अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से भूजल दोहन करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आग्रह किया गया हयाचिका में कहा गया, अवैध रूप से भूजल दोहन का परिणाम गाजियाबाद और हापुड़ में भूजल स्तर में जबर्दस्त कमी के रूप में निकला है, जिसके चलते इन जिलों में अनेक हैंड पंप, ट्यूबवेल सूख गए हैं। भूजल का अवैध दोहन पर्यावरण (सुरक्षा) कानून 1986 तथा 2012 में सीजीडब्ल्यूए द्वारा जारी दिशा-निर्देशों तथा 2015 में अधिसूचति नवीनतम दिशा-निर्देश का उल्लंघन है।

 

याचिकाकर्ताओं की पैरवी कर रहे अधिवक्ता राहुल चौधरी ने कहा कि बोरवेलों द्वारा अंधाधुंध मात्रा में भूजल निकाला जाता है जो गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्रा के अंतर्गत आने वाली लगभग सभी कॉलोनियों में घरों में अवैध रूप से खोदे जाते हैं।

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