भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों के दौरान करोड़ों रुपये की बरामदगी के मामले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की चुप्पी पर शनिवार को सवाल उठाए।
भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा, ‘‘ओडिशा में ऐसी शर्मनाक घटना पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कैसे चुप रह सकते हैं? आयकर अधिकारियों ने भारी मात्रा में काला धन बरामद किया है।’
भाजपा नेता ने पटनायक से मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के आदेश देने की भी मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘साहू बंधुओं और बीजद नेताओं के बीच संबंध जांच का विषय हैं।’’
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि आयकर विभाग की छापेमारी के बाद मिली ‘‘बेहिसाब’’ नकदी के 290 करोड़ रुपये होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह एजेंसी के किसी एक अभियान में अब तक बरामद हुआ ‘‘सबसे अधिक’’ कालाधन है।
सूत्रों ने बताया कि छह दिसंबर को शुरू हुई कार्रवाई के बाद आयकर विभाग ने नोटों की गिनती के लिए लगभग 40 बड़ी एवं छोटी मशीनें तैनात की हैं और गिनती की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभाग और बैंक के और कर्मचारियों को बुलाया गया। सूत्रों ने बताया कि इस कार्रवाई के तहत कांग्रेस नेता एवं झारखंड से राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से जुड़े परिसर पर भी छापा मारा गया है।
जब पीटीआई-भाषा ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया के लिए साहू को फोन किया तो साहू के स्टाफ ने सांसद से टिप्पणी पाने में असमर्थता जतायी। इस संबंध में पीटीआई-भाषा ने शराब बनाने वाली कंपनियों के समूह को एक ई-मेल भी भेजा, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
बीजद ने शनिवार को एक नया बयान जारी करके विपक्ष पर घटना में क्षेत्रीय पार्टी का नाम घसीटकर ‘‘घृणित राजनीति’’ करने का आरोप लगाया। बीजद विधायक सत्यनारायण प्रधान ने सामल के आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि बीजद का कोई भी मंत्री या विधायक उन शराब व्यापारियों से कभी नहीं जुड़ा, जिनका काला धन आयकर विभाग ने जब्त किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रजनी मोहंती ने कहा कि उनकी पार्टी सच्चाई का पता लगाने के लिए घटना की न्यायिक जांच या अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग करती है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने शराब कारोबारियों से जब्त की गयी इस ‘बेनामी संपत्ति’ का स्रोत जानना चाहा। प्रधान ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि इतनी अधिक बेनामी रकम बरामद हुई है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ लोगों का इस रकम से संबंध बताया जाता है। इस बेनामी संपत्ति का स्रोत कहां है? इस मामले की सच्चाई क्या है? क्या ओडिशा के कुछ लोगों का जब्त की गयी धनराशि से संबंध है?’’ उन्होंने उन कुछ लोगों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया ‘जो ईमानदारी का ढ़ोल पीटते हैं।’
वहीं, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष लेखाश्री सामंतसिंघर ने ‘शराब कारोबारियों के पास इतना अधिक नकद जमा होने के पीछे’ सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के नेताओं और ओडिशा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया।
कम से कम तीन कैबिनेट मंत्रियों एवं पूर्व विधायक का नाम लेते हुए सामंतसिंघर ने कहा, ‘‘झारखंड के कांग्रेस सांसद बस कंपनी के मालिक हैं। बीजद सरकार ओडिशा में कंपनी का प्रबंधन कर रही है। जब कंपनी इतनी अधिक संपत्ति इकट्ठा कर रही थी तब सतर्कता विभाग, अपराध शाखा, आबकारी, आर्थिक अपराध शाखा क्या कर रही थी और कैसे राज्य सरकार को इसकी भनक नहीं लगी? शराब का यह धंधा चुनाव के दौरान बीजद के लिए धन का स्रोत है।’’