रामगोपाल जाट
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के दावे का पलीता लगाते हुए सरकारी कारिंदों ने किसान को रुला दिया है। राज्य सरकार के द्वारा समय पर एसमपी के हिसाब से खरीद करने के दावों को भी दरकिनार कर दिया गया है। सरकारी फरमानों की परवाह किए बगैर एमएसपी खरीद करने के मामले में सरकारी अधिकारी अपनी ही मर्जी से चल रहे हैं।
समय पर खरीद नहीं होने, पैमेंट नहीं मिलने जैसी समस्याओं से जूझ रहे किसानों को सरकारी कारिंदों ने नया फरमान सुना दिया। जिसके बाद गुस्साए किसानों ने मंडी के मुख्य द्वारा पर ताला लगाकर वहीं पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे चाकसू उपखण्ड अधिकारी को भी किसानों ने बेरंग लौटा दिया।
मामला जयपुर के पास स्थित चाकसू मंडी का है, जहां पर बीते काफी दिनों से एमएसपी पर चने की खरीद नहीं होने की शिकायतें सामने आ रही थीं। जिसको लेकर किसानों ने कई बार मंडी सचिव रामनिवास यादव सहित मंडी मैनेजर डॉ. शीशराम से अपील की, लेकिन आज दिन तक कोई स्थाई समाधान नहीं हो सका। किसानों को चार तरह का चना होने के कारण एमएसपी पर खरीद करने से हाथ खड़े कर दिए। इससे गुस्साए किसानों ने आज सुबह ही मंड़ी के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया।
अधिकारियों ने चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने से इनकार कर दिया तो किसानों ने यह कदम उठाते हुए वहीं पर धरना दे दिया। तमाम शिकायतों को जब मंडी सचिव और मैनेजर ने दरकिनार कर दिया तो राष्ट्रीय किसान महापंचायत के आह्वान पर मंगलवार को क्रय-विक्रय समिति द्वारा किसानों की चने नहीं खरीदने पर किसानों ने कृषि उपज मंडी चाकसू के मुख्य गेट पर ताला लगाकर, वहीं पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे चाकसू उपखण्ड अधिकारी ने किसानों से बातचीत की, लेकिन सभी तरह के चने की खरीद नहीं होने तक किसानों ने वहां से उठने से इनकार कर दिया। किसानों का कहना है कि मांगे पूरी नहीं होने तक ताला लगाकर वहीं पर बैठे रहेंगे।
गौरतलब है कि किसान महापंचायत के आह्वान पर एक दिन पहले ही चाकसू क्षेत्र के किसान ट्रेक्टर ट्रॉलियों में चने की उपज भरकर मंडी पहुंचने लगे थे। कल शाम तक सैकड़ों किसान मंडी में जमा हो गए। तब तक भी मंड़ी सचिव-मैनेजर सहित उपखण्ड प्रशासन ने काई सकारात्मक कदम नहीं उठाया।
किसानों ने पिछली 9 मई को ही चेतावनी दे दी थी कि यदि चने की उपज नहीं खरीदी गई, तो मंडी गेट पर तालाबंदी कर महापड़ाव किया जाएगा। इस महापड़ाव का कृषि उपज मंडी के व्यापार मंडल ने भी समर्थन किया है।
असल में मंडी के जिम्मेदारों ने चने की चार वैरायटी होने की बात कहकर खरीद से इनकार कर दिया। हालांकि, किसानों ने सभी तरह के चने मंडी पहुंचाए, लेकिन मंडी के अधिकारियों ने केवल काला चना खरीदने की बात कही, जिस पर किसानों को गुस्सा आ गया।
इस अवसर पर मौजूद किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि चाकसू खरीद केंद्र पर चने की 4 बैरायटी बताकर किसान के चने की उपज को रिजेक्ट किया जा रहा है। एमएसपी पर खरीद नहीं होने के कारण चाकसू खरीद केंद्र पर अब तक 350 किसानों का महज 11,629 क्विंटल चना ही बिक पाया है। जिसका अंतर भाव 1200 रुपए प्रति क्विंटल रहा। चने पर चाकसू क्षेत्र के किसानों को अब तक 93 लाख 65 हजार 28 रुपए का नुकसान हुआ है।
इसी प्रकार सरसों में भी किसानों को 3 करोड़ 73 लाख 85 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। किसान महापंचायत के चाकसू तहसील अध्यक्ष रामधन गुर्जर व मीडिया प्रभारी मदन कोथुनियां ने जानकारी देते हुए बताया कि चाकसू खरीद केंद्र पर अब 2100 किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बुलाया गया था, लेकिन महज 311 किसानों की ही उपज खरीदी गई है। बाकी किसानों के चने की फसल को रिजेक्ट कर दिया गया, जिससे क्षेत्र के किसान आक्रोशित हैं, और रिजेक्ट किए गए चने की ट्रालियां भरकर खरीद केंद्र पहुंच रहे हैं।
किसानों ने दावा किया है कि जब उनकी उपज को खरीदा नहीं जाएगा, तब तक किसान मंडी में धरना जारी रखेंगे। यहां पर किसान महापंचायत के महासचिव अकबर खान, छात्र प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, किसान चिंतक ज्ञान चौधरी, राजेश नैनवां, जगदीश चौधरी, किसान नेता रामकिशन चौधरी, रामफूल गुर्जर सहित दर्जनों किसान व कार्यकर्ता मौजूद रहे। दूसरे किसान संघों ने भी इसको समर्थन देने की बात कही है।
वार्ता फिर विफल, जारी रहेगा धरना
इधर, आज उपखण्ड अधिकारी रणजीत गोदारा से आज चाकसू कृषि उपज में फिर से वार्ता हुई, लेकिन सहमति नहीं बनने के कारण रामपाल जाट ने साफ कह दिया कि, यह ताला बंद और धरना तब तब तक जारी रहेगा, जब तक कि रिजेक्ट किए गए चने की तुलवाई शुरू नहीं की जाएगी। महापड़ाव के पहले दिन की रात्रि को किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट व दर्जनों किसान रातभर अपनी माग मनवाने के लिए डटे हुए हैं।
जाट ने बताया कि एक दर्जन से भी अधिक किसान चने से भरी ट्रेक्टर ट्रालियों सहित रातभर मंडी परिसर में ही पडाव स्थल पर रूके हुए हैं। किसानों की चने की तुलवाई होने तक गेट पर ताला और यहीं पर किसानो का ट्रेक्टरों सहित महापडाव जारी रहेगा। समर्थन मूल्य पर किसानों की फसल तुलवाई के संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों व एजेंसियों का अभी तक कोई सार्थक जवाब नहीं आया है। किसान महापंचायत के कार्यकर्ताओं ने देर रात तक गांव-गांव जाकर किसानों को पड़ाव स्थल पर आने का आह्वान किया है।