लॉकडाउन में प्रदूषण मुक्त हुआ वातावरण फिर तेजी से प्रदूषित हो रहा है। कोरोना में प्रदूषण को ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। दूसरे अनेक राज्यों की तुलना में झारखंड में आबोहवा अभी भी बेहतर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के इसी माह पांच नवंबर को दिये आदेश के आलोक में वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रांची सहित 14 जिलों में दीपावली के दिन मात्र दो घंटे आतिशबाजी की अनुमति दी है। वह भी ग्रीन कैकर, रात आठ से दस बजे तक। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव राजीव लोचन बक्शी के अनुसार ये जिले पिछले साल नवंबर में थोड़ा वायु प्रदूषि वाले शहर की श्रेणी में थे। वहीं दस जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर बेहतर या संतोषजनक है। इन जिलों में पटाखों की बिक्री की जा सकती है मगर जिनकी ध्वनि सीमा 125 डीबी( ए) से कम होग। मगर पटाखे दो घंटे ही रात आठ से दस बचे तक जलाये जा सकेंगे। उधर आपदा प्रबंधन विभाग ने सार्वजनिक स्थानों पर आतिशबाजी पर प्रतिबंध का आदेश जारी कर रखा है। यानी घरों, अपार्टमेंट में ही पटाखों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, हजारीबाग, धनबाद, देवघर, गोड्डा, गिरिडीह, पाकुड़ एवं साहिबगंज के शहरी इलाकों में सिर्फ ग्रीन कैकर चलेंगे। वहीं चतरा, गढवा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा, दुमका के शहरी इलाकों में 125 डीबी ( ए) तक ध्वनि सीमा के पटाखे चलेंगे।
छठ में सुबह छह से आठ तक
दीपावली हो, छठ, क्रिसमस या नव वर्ष मात्र दो घंटे ही आतिशबाजी कर सकेंगे। दीपावली के साथ गुरुपर्व में रात आठ से दस जबकि छठ में सुबह छह से आठ और क्रिसमस व नव वर्ष के मौके पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक ही पटाखे छोड़ सकेंगे।
बक्शी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 और वायु ( प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धरा 37 व अन्य संगत अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी।