कोकेन मामले में पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता राकेश सिंह को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पूर्वी वर्धमान जिले के गलसी में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुलिस ने पहले प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा की नेता पामेला गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। 20 फरवरी को अलीपुर कोर्ट ले जाते समय पामेला ने आरोप लगाया था कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के करीबी राकेश सिंह ने उन्हें फंसाया है।
मोबाइल फोन के लोकेशन से पुलिस ने पता लगाया
सूत्रों के अनुसार पुलिस राकेश सिंह के मोबाइल फोन के लोकेशन पर बराबर नजर रखे हुए थी। लोकेशन के आधार पर पुलिस को मालूम था कि वे प्रदेश में ही हैं। सुबह करीब 9:30 बजे उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद दोपहर में जब फोन ऑन हुआ तब पुलिस को लोकेशन के आधार पर पता चला कि राकेश पूर्वी वर्धमान जिले में हैं। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने जिला पुलिस को सतर्क किया। गलसी के पास नाका चेकिंग शुरू कर दी गई। एक गाड़ी में राकेश सिंह मौजूद मिले। सूत्रों ने बताया कि राकेश सड़क मार्ग से भुवनेश्वर जा रहे थे। कोलकाता पुलिस के अधिकारी उन्हें अपनी हिरासत में लेने के लिए रवाना हो गए हैं।
राकेश के दोनों बेटे भी गिरफ्तार
पामेला के आरोपों के बाद पुलिस ने राकेश सिंह को पूछताछ के लिए मंगलवार चार बजे तक बुलाया था। लेकिन जब वे पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए तो पुलिस दक्षिण कोलकाता स्थित उनके घर पहुंच गई। पुलिस का कहना है कि राकेश के दोनों बेटों- शुभम और साहेब ने उनके काम में बाधा डालने की कोशिश की। दोनों को लालबाजार पुलिस मुख्यालय लाया गया। रात में उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
कोलकाता हाईकोर्ट से राकेश को राहत नहीं
राकेश सिंह मंगलवार सुबह हाईकोर्ट भी गए। कोलकाता पुलिस के नोटिस को चुनौती देते हुए उन्होंने स्थगन आदेश जारी करने का आग्रह किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि पुलिस नियम के मुताबिक ही काम कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा था कोलकाता पुलिस पर भरोसा नहीं
पामेला गोस्वामी के आरोपों के बाद राकेश सिंह ने कोलकाता पुलिस पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस सिलसिले में पुलिस कमिश्नर सोमेन मित्र को पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि अगर पामेला दोबारा उनका नाम लेती है तो वे कोलकाता पुलिस के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। राकेश सिंह के अनुसार पूछताछ के लिए पुलिस के पास जाने में उन्हें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन कोलकाता पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं है। इसलिए केंद्रीय बल के एक जवान और वकील के साथ 26 फरवरी के बाद वे कोलकाता पुलिस के मुख्यालय लाल बाजार जाएंगे।