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पहलगाम हमलाः बेपटरी पर्यटन अर्थव्यवस्था

2023 में, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के तहत श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य...
पहलगाम हमलाः बेपटरी पर्यटन अर्थव्यवस्था

2023 में, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के तहत श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक आयोजित की गई थी

पर्यटन क्षेत्र जम्‍मू-कश्‍मीर की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्‍सा है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में उसकी हिस्‍सेदारी करीब 7.4 फीसदी है और तकरीबन 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराता है। इसलिए, पर्यटकों की आवाजाही की घाटी में अहम भूमिका है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 1.62 करोड़ पर्यटकों से बढ़कर 2023 में 2.12 करोड़ पर्यटक हो गए, जिसमें मई-जुलाई की अवधि में सबसे अधिक पर्यटक पहुंचे। जम्मू-कश्मीर में देसी सैलानी 2019 में 1.61 करोड़ से बढ़कर 2024 में 2.34 करोड़ आए। विदेशी पर्यटकों की संख्‍या 2019 में 57,920 पर्यटकों से बढ़कर 2024 में 65,452 हो गई। जम्मू-कश्मीर के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2024 में राज्‍य में 2.36 करोड़ पर्यटकों के साथ सर्वोच्च स्तर दर्ज हुआ।

2023 में, जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के तहत श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में, सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने में फिल्मों की भूमिका का लाभ उठाने के लिए जम्मू-कश्मीर फिल्म नीति का मसौदा भी पेश किया था। इससे पहले 2020 में, सरकार ने पांच साल की अवधि के लिए सालाना आधार पर 50 हजार से अधिक नौकरियां और लगभग 2000 करोड़ रुपये का निजी निवेश पैदा करने के उद्देश्य से एक पर्यटन नीति बनाई गई थी।

जम्मू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. दीपांकर सेनगुप्ता ने आउटलुक बिजनेस को बताया, ‘‘जब पीक सीजन से पहले इस तरह की घटना होती है, तो आप समझ सकते हैं कि पर्यटन पर इसका असर पड़ेगा। यह समस्या पैदा करेगा, न सिर्फ विदेशी राजस्व के मामले में, बल्कि रोजगार की संभावनाओं के मामले में भी, क्योंकि पर्यटन श्रम-प्रधान क्षेत्र है।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल हर प्रकार के लोगों को रोजगार मिलता है। भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान में काम कर चुके प्रो. निमित चौधरी ने बताया कि पर्यटन क्षेत्र में होटल मालिकों, ट्रैवल एजेंटों वगैरह कई जुटे हुए हैं, लेकिन निचले पायदान के टूर गाइड, शिकारा चालक और घुड़सवारी वालों पर इसका भारी असर पड़ेगा, जो रोजाना की कमाई पर ही निर्भर हैं। चौधरी ने कहा, ‘‘पर्यटकों पर हमला, पर्यटन पर हमला है, जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्‍सा है।’’

 

 

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