गौरतलब है कि भुजबल को निदेशालय ने पूछताछ के लिए 17 मार्च तक हिरासत में लिया है। जिसमें भुजबल बार-बार कह रहे हैं कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उधर राकांपा विधायकों ने इसे बदले की भावना करार दिया है। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद ने कहा कि मेरे आरोप अब सच साबित हो रहे हैं। मतलब साफ है कि सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर सबकुछ हो रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में राकांपा के कई और नेताओं का नाम भी सामने आ रहा है। जिसे लेकर पार्टी नेताओं में बेचैनी है। गौरतलब है कि दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित घोटाले के सिलसिले में भुजबल को गिरफ्तार किए जाने के बाद धनशोधन निरोधक अधिनियम से संबद्ध विशेष अदालत ने 68 वर्ष के पूर्व उप मुख्यमंत्री को 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में सौंप दिया। भुजबल को अदालत के सामने जब पेश किया गया तो निदेशालय के वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि एजेंसी द्वारा बयान दर्ज किया जा रहा था तो पूर्व लोक निर्माण मंत्री सहयोग नहीं कर रहे थे। वेनेगांवकर ने अदालत को बताया, उनसे जितने भी सवाल पूछे गए, उन्होंने ज्यादातर के जवाब में कहा कि वह नहीं जानते।
भुजबल ने खुद को बेकसूर बताते हुए भावुक भी हो गए और उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने अदालत को बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।