मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे शिवसेना (अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत को राहत मिल गई है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने पात्रा ‘चॉल’ पुनर्विकास परियोजना से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को बुधवार को ज़मानत दे दी।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नामित विशेष न्यायाधीश एम.जी. देशपांडे ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राउत की ज़मानत याचिका को मंजूर कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्यसभा सदस्य राउत को इस साल जुलाई में उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था। राउत फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
राउत ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ मामला ‘‘सत्ता के दुरुपयोग’’ और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का उदाहरण है।
ईडी ने राउत की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से संबंधित धनशोधन मामले में प्रमुख भूमिका निभाई और धन के लेन-देन से बचने के लिए ‘‘पर्दे के पीछे’’ से काम किया।
ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितताओं और कथित रूप से उनकी पत्नी और सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित है।