चुनाव के दौरान लगने वाले नारे पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा रखने का काम करते हैं। साथ ही विरोधियों पर हमला करने के लिए कई तरह के नारे गढ़े जाते हैं। सरकार अपने काम को गिनाने के लिए और विरोधी पार्टियों पर निशाना साधने के लिए नारे का सहारा लेती है। इसी तरह का एक नारा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी खूब गूंजा और चर्चा में रहा। ये नारा सत्तारूढ़ तृणमू कांग्रेस की तरफ से दिया गया, ‘खेला होबे’ यानी खेल होगा।
अब इस नारे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि लोगों ने खेला होबे को स्वीकार किया, इसलिए अब बंगाल में ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जाएगा। पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता बनर्जी ने यह बात कही।
गौरतलब है कि टीएमसी और खासकर ममता बनर्जी इस नारे का चुनावी रैलियों में अक्सर इस्तेमाल करती थीं। उनका निशाना सीधे तौर पर बीजेपी की ओर था। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि इस चुनावी नारे ने टीएमसी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया।
टीएमसी का चुनावी नारा सिर्फ खेला होबे तक ही नहीं रुका। खेला होबे के साथ ममता बनर्जी ने एक और नारा दिया था, “‘खेला होबे, देखा होबे, जेता होबे’ यानी खेलेंगे, देखेंगे और जीतेंगे। इसके अलावा जय श्रीराम के नारे का जवाब ममता बनर्जी ने 'हरे कृष्णा हरे राम, विदा हो बीजेपी-वाम' का नारा दिया था।
इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब टीएमसी की नजर त्रिपुरा में है। टीएमसी ने जिस खेला होबे नारे के तर्ज पर बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था वही खेला होबे नारा अब त्रिपुरा में भी पिछले महीने जारी किया। त्रिपुरा में गाने का नाम है 'खेला होबे त्रिपुराय' जिसका अर्थ हैं त्रिपुरा में खेला होगा।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    