उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ग्रामीणों ने रामगंगा नदी से गौंछ मछली का शिकार किया। मछली का वजन करीब 130 किलोग्राम से अधिक था। ग्रामीण एक लट्ठ में मछली को बांधकर गांव तक लाए। संरक्षित प्रजाति की मछली के शिकार की फोटो और वीडियो वायरल हो रहा है। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि इस मामले को लेकर अभी भी अफसर अंजान हैं।
दरअसल, अल्मोड़ा के सल्ट ब्लाक के अंर्तगत इनोलो गांव के समीप रामगंगा नदी बहती है। नदी में संरक्षित प्रजाति की गोल्डन महाशीर, गौंछ सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन तो ग्रामीणों ने नदी से गौंछ मछली को पकड़ा। विशालकाय मछली को गांव में लाकर नुमाइश की गई और फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी की गई। मछली को देखने के लिए ग्रामीणों का सैलाब भी उमड़ा था। गांव लाने तक मछली की सांसें चल रही थी। इतनी विशालकाय मछली को देख ग्रामीण भी भौंचक्के रह गए। जैसे ही मछली की फोटो सोशल साइट्स में वायरल हुई तो मामला चर्चाओं में आ गया। ज्यादातर लोगों ने मछली के शिकार को लेकर आक्रोश जताया। हालांकि वन विभाग और प्रशासन इस मामले को लेकर बेखबर बना रहा। वन विभाग के एसडीओ चंदन गिरी गोस्वामी ने कहा कि उनके संज्ञान में मामला नहीं हैं। बरसात के दिनों में मछलियां बहाव के विपरीत तैरते हुए किनारे पर आ जाती हैं। मामले की जांच करवाकर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
गंगा और सहायक नदियों में मिलती है ये प्रजाति 
विशेषज्ञों के मुताबिक गौंछ संरक्षित प्रजाति की मछली है। इसका वैज्ञानिक नाम बैगरियस है। इसका वनज 150 किलोग्राम तक पाया जाता है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में यह प्रजाति पाई जाती है। यह भारीभरकम मछली डाॅल्फिन की जैसी दिखाई पड़ती है।
कार्बेट से गुजरती है रामगंगा नदी
रामगंगा नदी पहाड़ों से निकलकर कार्बेट नेशनल पार्क के बीच से गुजरती है। रामगंगा में बाघ, हाथी सहित तमाम वन्यजीव, जंतु, परिंदे पानी और भोजन के लिए निर्भर रहते हैं। कुछ साल पहले तक यहां महाशीर संरक्षण को लेकर तमाम प्रयास किए गए थे। सैलानी रामगंगा नदी में एंगलिंग करते थे। एंगलिंग शुल्क से कुछ पैसा ग्रामीणों को मिलता था, जिस वजह से कार्बेट के आसपास मछलियों के शिकार नहीं होता था। संरक्षण की वजह से भारी भरकम मछलियां पाई जाती थी। लेकिन यह योजना बंद हुई तो शिकार में तेजी आ गई। हालांकि सल्ट विकासखंड में अफसरों की उदासीनता की वजह से बड़े पैमाने पर मछलियों का शिकार होता रहा है। संरक्षित प्रजाति की मछलियों के शिकार पर कानूनन रोक है।
 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    