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पूर्ण शराबबंदी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

बिहार सरकार के राज्य में पूर्ण शराबबंदी के फैसले के खिलाफ एक दिन बाद बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने इसे सरकार द्वारा खाने पीने के मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है।
पूर्ण शराबबंदी के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

बिहार की नीतीश कुमार सरकार के प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के एक दिन के बाद एक पूर्व सैनिक ए एन सिंह ने सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। सिंह ने अपनी याचिका के जरिये प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के सरकार के निर्णय को क्या खाएं और पीएं के मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है। याचिकाकर्ता ने गत 30 मार्च को बिहार विधानमंडल द्वारा बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को पारित किए जाने को कठोर, मनमाना और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इसे संविधान की धारा 14, 19, 21 और 22 का उल्लंघन बताया है। इस याचिका की अगली सुनावाई की तारीख अदालत द्वारा निर्धारित किया जाना बाकी है।

 

बिहार में गत एक अप्रैल से देशी और मसालेदार शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने को जन समर्थन मिलने से उत्साहित नीतीश कुमार सरकार ने शहरी इलाके में भी भारत में निर्मित विदेशी शराब की बिक्री बिहार स्टेट बिवेरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) के माध्यम से किए जाने की अनुमति को रद्द करते हुए कल से ही प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के साथ ताड़ी को लेकर वर्ष 1991 की अधिसूचना को लागू किए जाने के साथ ताड़ के उत्पाद नीरा को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया था।

 

बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को 30 मार्च को सर्वसम्मति से पारित कर दिए जाने के बाद बिहार राज्य मंत्रिपरिषद के शराबबंदी को 31 मार्च को मंजूरी दिए जाने और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य में गत एक अप्रैल की मध्य रात्रि से शराबबंदी लागू हो गई थी।

 

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