मंगलवार रात उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ रात्रि भोज में मोदी ने एक-एक सांसदों से यह जानना चाहा कि उनके इलाके में किस प्रकार की दिक्कत है, कैसे उन दिक्कतों को दूर किया जाए और संगठन मजबूत हो इसके लिए क्या किया जाए।
मोदी ने भाजपा सांसदों से भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष के तर्कों को धता बताने के लिए जनता के बीच जाने को कहा है। गौरतलब है कि 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा के 71 सांसद है जबकि दो सांसद सहयोगी दल के हैं। ऐसे में मोदी की प्राथमिकता प्रदेश की जनता के बीच भाजपा की बेहतर छवि बनी रहे ताकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए किसी प्रकार की मुश्किल न हो। भोज के दौरान नये विधेयक का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पार्टी सांसदों को संबोधित किया जहां उन्होंने विधेयक के किसान हितैषी कदमों के बारे में विस्तार से बताया। सरकार द्वारा पिछले साल दिसंबर में लाये गये अध्यादेश की जगह इस विधेयक को लाने की तैयारी है।
भोज में शामिल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी सांसदों को संबोधित किया और कहा कि राज्य में पार्टी की सदस्यता बढ़ाने पर जोर दिया जाए। शाह लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी थे और उन्हें प्रदेश की एक-एक सीटों का आंकड़ा पता है। एक सांसद ने आउटलुक से बातचीत में कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भारतीय जनता पार्टी अब किसी भी प्रदेश में रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी है। सांसद ने बताया कि अब उत्तर प्रदेश में पार्टी पुराने नेताओं को ही महत्व देगी। बाहरी नेताओें को कार्य करने का अवसर दिया जा सकता है लेकिन कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
भोज में मोदी ने लिया उत्तर प्रदेश का सियासी जायजा
उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव साल 2017 में है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी से प्रदेश का सियासी जायजा लेना शुरु कर दिया है ताकि जो संगठन में कमियां है उसे दूर किया जा सके।

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