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मगहर में बोले पीएम मोदी, समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों में सत्ता का लालच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को संत कबीर की धरती मगहर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री...
मगहर में बोले पीएम मोदी, समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों में सत्ता का लालच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को संत कबीर की धरती मगहर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहे। पीएम मोदी संत कबीर नगर में गुरुवार को ‘संत कबीर अकादमी‘ की आधारशिला रखी और मगहर में जनसभा को संबोधित किया।

मोदी की जनसभा को 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रचार की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री के मगहर दौरे से एक दिन पहले बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया। इलाके में मंगलवार को हुई भारी बारिश की वजह से प्रधानमंत्री के रैली स्थल में पानी भर गया है, जिसे खत्म करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।

'देश को संतों का मार्गदर्शन मिला'

पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘ये हमारे देश की महान धरती का तप है, उसकी पुण्यता है कि समय के साथ, समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए समय-समय पर ऋषियों, मुनियों, संतों का मार्गदर्शन मिला। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ।'

'कबीर ने जाति के भेद को तोड़ा'

उन्होंने कहा, ‘कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, 'सब मानुस की एक जाति' घोषित किया और अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। वे सबके थे, इसीलिए सब उनके हो गए। वो धूल से उठे थे लेकिन माथे का चंदन बन गए। वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए। वो विचार बनकर आए और व्यवहार बनकर अमर हुए। संत कबीर दास जी ने समाज को सिर्फ दृष्टि देने का काम ही नहीं किया बल्कि समाज को जागृत किया।‘

'समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों में सत्ता का लालच'

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बहाने राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'कई दल महापुरुषों का इस्तेमाल समाज को तोड़ने के लिए कर रहे हैं। कुछ लोगों को शांति नहीं कलह, असंतोष और अशांति चाहिए। ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।'

- 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था. उनके सपने को साकार करने के लिए मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है।आज दोगुनी गति से काम हो रहा है, सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से काम कर रही है, पहले विकास को तरस गया था पूर्वी उत्तर प्रदेश।

- देश में मुस्लिम बहनें तीन तलाक से मुक्ति की मांग कर रही हैं, लेकिन तीन तलाक के रास्ते में रोड़े अटकाए जा रहे हैं: मोदी

- समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं, 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। ये समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘आज मेरी बरसों की कामना पूरी हुई है। संत कबीर दास जी की समाधि पर फूल चढ़ाने का, उनकी मजार पर चादर चढ़ाने का, सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं उस गुफा में भी गया, जहां कबीर दास जी साधना करते थे।‘

इससे पहले प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान रविवार को 15वीं शताब्दी के इस महान संत के योगदान और अंधविश्वास को दूर करने से जुड़े उनके कार्यों को याद किया था। उन्होंने कहा कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसें मगहर में ली थी, जबकि लोगों में यह आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।




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