इस साल मार्च के ही महीने से गर्मी का भीषण रूप देखने को मिल रहा है, जिस वजह से पूरे देश में बिजली की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। सप्लाई पूरी करने को लेकर अब कोयला संकट पैदा हो गया। इस समय पूरे देश में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोयले की "तीव्र कमी" को लेकर अलर्ट किया है। साथ ही दावा किया गया कि कई बिजली संयंत्रों के पास केवल एक दिन का स्टॉक बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में आपूर्ति में व्यवधान की चेतावनी दी है, यहां तक कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थिति को किसी तरह संभाला जा रहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बात की जानकारी दी है।
सीएम केजरीवाल ने ट्विटर पर एक अखबार की कटिंग शेयर की है, जिसमें बताया गया कि बिजली की मांग पीक पर है, लेकिन एक चौथाई से ज्यादा पावर प्लांट बंद पड़े हैं। साथ ही भीषण गर्मी की वजह से 16 राज्यों में 3-10 घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है। कटिंग के साथ केजरीवाल ने लिखा कि देशभर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है। pic.twitter.com/aYQVVZBUOy
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 29, 2022
वहीं, दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी के कुछ बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन के कोयले का भंडार बचा है। बिजली के लिए कोई बैकअप नहीं है। बिजली का भंडारण नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये हर दिन उत्पादित होती है, लेकिन कोयले का भंडारण हो सकता है। सामान्य परिस्थितियों में कोयले का स्टॉक लगभग 21 दिनों का होना चाहिए, इसके बावजूद एनटीपीसी दादरी और ऊंचाहार सहित कई बिजली संयंत्रों में एक दिन का स्टॉक बचा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा कोयला संकट रेलवे रैक की कमी के कारण है। पहले 450 रेलवे रैक उपलब्ध थे, अब इसे 405 रैक कर दिया गया है। संकट को टालने के लिए केंद्र द्वारा बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।
बता दें कि इससे पहले बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सरकारी बयान में कहा गया कि दादरी-2 और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में समस्या हो सकती है। जैन ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में बिजली की 25-30 प्रतिशत मांग इन बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जा रही है और वे कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं।