गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने इस मामले की जानकारी देते हुए एक बयान भी जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा, 'सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार एवं वाणिज्य के विज्ञापन एवं विनियमन, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण निरोधक) (गुजरात संशोधन) विधेयक, 2017 को फरवरी में गुजरात विधानसभा में पारित किया गया था और राज्यपाल ओपी कोहली के पास भेज दिया गया था।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने इसे मंजूरी देकर राष्ट्रपति के पास भेज दिया थ्ाा, उन्होंने हाल ही में विधेयक को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार अब गुजरात में इस तरह के हुक्का बार चलाते पाए जाने वालों के खिलाफ नए कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी।
साथ ही, राज्यमंत्री ने कहा कि संशोधित कानून के तहत हुक्का बार चलाता हुआ जो भी पकड़ा जाएगा, उस पर 50,000 रुपये जुर्माना और अधिकतम तीन साल तक की जेल हो सकती है। इस अधिनियम के तहत गुजरात में जितने भी हुक्का बार हैं सभी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गृह राज्य मंत्री ने इस फैसले की वजह बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला, गुजरात के युवाओं की जिंदगी नशे की वजह से बर्बाद होने से बचाने के लिए लिया है। इस नियम के पास होने के बाद जो भी हुक्का बार चलाता हुआ पाया गया सरकार उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
जडेजा ने कहा चूंकि हुक्का 2003 के सीओटीपी अधिनियम के तहत सूची में शामिल नहीं था, इसलिए हुक्के से जुड़े सभी तरह की गतिविधियों को कवर करने के लिए अधिनियम में आवश्यक संशोधन करने के लिए हम इस बिल को लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य युवाओं को इस खतरनाक लत से बचाने का है जोकि विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बनता है।